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किसान सही समय पर करें लगाएं नर्सरी

plant-nurseries लखनऊः अभी मई माह में कई दिन शेष हैं, जो किसानों के आर्थिक समृद्धि को निखारने वाले हैं। 10 मई से शुरू हुए यह शुभ दिन अभी 30 मई तक बने रहेंगे। इन दिनों किसानों को चाहिए कि वह खूब मेहनत कर नर्सरी तैयार करें। नर्सरी तैयार करने के लिए किसान खुद तय करें कि उनके खेत की मिट्टी में किस किस्म की नर्सरी लगाई जा सकती है। बख्शी का तालाब निवासी किसान वैज्ञानिक सत्येंद्र सिंह किसानों को अक्सर फसल में आने वाली किस्म की जानकारी देते रहते हैं। वह इन दिनों बारिश से पहले तैयार की जा रही नर्सरियों के बारे में किसानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो भी बीज नर्सरी के लिए इस्तेमाल किए जाएं, वह पूर्ण रूप से शोधित हों। अभी 30 मई तक का समय है, इन दिनों किसान को अपने लिए फसल की गुणवत्ता का बराबर ख्याल रखना होगा। उन्होंने बताया कि किसी भी हाल में पानी में तैरने वाले बीजों का इस्तेमाल खेती में नहीं करना चाहिए। यदि बीज केंद्र से भी ऐसे बीज खरीद गए हैं, तो इनको फेंक दें। खेत में फसल के अवशेष न जलाने के लिए बराबर कहा जा रहा है। सरकारी बंदिशें भी हैं, लेकिन कुछ किसान अभी भी इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक नहीं हैं। इस बार भी चकौली और प्यारेपुर में कई किसानों ने पूर्व की फसल के अवशेषों को खेत में ही जलाया। दूसरी ओर तमाम पारंपरिक किसानों को आज भी जुताई पर ही भरोसा है। ये भी पढ़ें..कमाई वाली फसलों से दूर हैं राजधानी के किसान, मोटा मुनाफा देने वाली फसल... उनका मानना है कि यदि नर्सरी बुवाई से पहले खेत में कम्पोस्ट डालकर दो-तीन बार जुताई कर मिट्टी में मिला दें और इसमें यूरिया, सुपर फास्फेट तथा जिंक सल्फेट का उपयोग करें तो निश्चित ही खर-पतवार नष्ट हो जाते हैं। मई में धूप तेज रहती है। इन दिनों सिंचाई कर खेत में नमी बनाए रखें। यह ध्यान रखें कि जिस स्थान पर पौधे तैयार किए जा रहे हैं, वहां पानी भरा नहीं रहना चाहिए। पानी भरने से पौधे नष्ट हो जाते हैं। - शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)