रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या राज्य में सूचना आयोग फंक्शनल नहीं है? आयोग के अध्यक्ष का पद का खाली क्यों है और इस पद पर नियुक्ति कब तक होगी? कोर्ट ने आगामी तीन हफ्ते के भीतर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन में शामिल हुए अभ्यर्थियों को आंसर शीट देखने नहीं देने और अभ्यर्थियों को उनके कॉपी की छाया प्रति उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया।
प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया कि सातवीं से दसवीं जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने आरटीआई के माध्यम से अपनी कॉपी को देखने और उसकी छाया प्रति देने की मांग जेपीएससी से की थी। प्रथम अपील में जेपीएससी ने अभ्यर्थियों को उनकी कॉपी दिखाने से मना कर दिया गया। उन्हें बताया गया कि आयोग द्वारा निर्णय के बाद ही उन्हें कॉपी दिखाई जा सकेगी।
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प्रार्थी ने यह भी बताया कि कॉपी की छाया प्रति उपलब्ध नहीं कराया जाना जेपीएससी 15 जनवरी 2015 के कार्यालय आदेश के विपरीत है। राज्य में राज्य सूचना आयोग अभी तक फंक्शनल नहीं है, इस कारण अभ्यर्थी इस मामले में द्वितीय अपील दायर करने में असमर्थ हैं। यह बात संज्ञान में आने पर कोर्ट ने राज्य सरकार से सूचना आयोग के बारे में जवाब मांगा है।
बता दें कि इस मामले को लेकर सोनू कुमार रंजन व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि सातवीं जेपीएससी की मेरिट लिस्ट वर्ष मई 2022 में जारी हो गया है और सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हो गई। लेकिन अभ्यर्थियों को आंसर शीट, अपनी कॉपी की छाया प्रति देखने का अवसर नहीं मिल पाया है।
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