नई दिल्ली: दिल्ली में भागीरथी प्लांट की 40 साल पुरानी पानी की पाइपलाइन को बदला जाएगा। इस परियोजना पर 271 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसको मंजूरी दी जा चुकी है। यह पाइप लाइन के बदलने से दिल्ली के लाखों लोगों तक 130 एमजीडी साफ गंगाजल पहुंचाया जा सकेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने भागीरथी प्लांट की 40 साल पुरानी पानी पाइप लाइन को बदलने का फैसला लिया है। इस 20 किमी लंबी दिल्लीवालों को 24 घंटे पानी मुहैया कराने की दिशा में यह फैसला एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस विषय पर जलबोर्ड के साथ बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को पानी की 24 घंटे सप्लाई सुनिश्चित कराने के लिए भागीरथी प्लांट से निकलने वाली मुख्य पाइपलाइन को बदलने की परियोजना को सेफ्टी-सिक्योरिटी व क्वॉलिटी के सभी मानकों का पालन करते हुए समय सीमा के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए। भागीरथी प्लांस से निकलने वाली यह पाइपलाइन पूर्वी दिल्ली में जाती है।
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दिल्ली के भागीरथी डब्ल्यूटीपी से निकलने वाली मुख्य पाइपलाइन को बदला जाएगा। पानी सप्लाई के लिए मौजूद पाइपलाइन करीब 40 साल पुराने हैं, जिन्हें बदलने का प्रस्ताव रखा गया था। सामान्य रूप से पाइप करीब 50 साल तक चलता है। भविष्य में पानी की मांग को पूरा करने के लिए पाइपलाइन के साइज में करीब 15-20 फीसद अतिरिक्त वहन क्षमता होनी चाहिए। इसी को देखते हुए इन्हें बदलने का फैसला लिया गया है। इस पाइपलाइन को बदले जाने के बाद पूर्वी दिल्ली के लाखों लोगों को फायदा होगा। साथ ही पर्याप्त दबाव के साथ लोगों के घरों में पानी की पर्याप्त आपूर्ति होगी। इस परियोजना की लागत 271 करोड़ रुपये है। दिल्ली जलबोर्ड (डीजेबी)के अनुसार पाइपलाइन के हाइड्रोलिक्स डिजाइन को सलाहकार द्वारा दोबारा तैयार किया गया। नतीजतन सिविल कार्य की लागत पहले से घटकर कम हो गई।
उल्लेखनीय है कि करीब 35-40 वर्ष पूर्व भागीरथी डब्ल्यूटीपी के निर्माण के समय ट्रांस यमुना क्षेत्र के लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए तीन पीएससी पाइपलाइन बिछाए गए थे। वे अब काफी पूराने हो चुके है। दिल्ली जल बोर्ड की 22 अगस्त 2013 को आयोजित 112वीं बैठक में इन पाइपलाइनों (शाहदरा, जीके और जल विहार की पाइपलाइन) को बदलने के लिए 214 करोड़ रुपये की राशि अप्रूव की गई थी। एक महत्वपूर्ण परियोजना होने के कारण इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की ओर से केन्द्रीय सहायता कोष के तहत राशि प्राप्त हो चुकी है। जगह की कमी के कारण, कंसल्टेंट द्वारा डब्ल्यूटीपी से दल्लूपुरा यूजीआर तक एक मुख्य पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा गया, जो मौजूदा 1200 एमएम व्यास वाले तीन वाटरलाइन की जगह लेगी। भागीरथी डब्ल्यूटीपी से इसके कमांड क्षेत्रों में 20 किलोमीटर तक पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
इसके अलावा सरकार ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की समयसीमा 31 मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला लिया है। इससे जिन 100 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य था, उन लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि, दिल्ली में भूजल स्तर को बढ़ाने और वर्षा जल का कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी है। इसे लेकर केजरीवाल सरकार की ओर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाएगा। फिलहाल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के इंस्टॉलेशन में उपभोक्ताओं की मुश्किलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके तहत 6 महीने यानि 1 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक वर्षा जल संरक्षण पेनाल्टी नहीं लगेगी। इस समयसीमा के अंदर उपभोक्ता अपने 100 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा सकते हैं।
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