नई दिल्लीः आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। चूंकि इस बार अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ी हैं। इसलिए इसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। शनैश्चरी अमावस्या का हिंदू धर्मशास्त्रों में बड़ा ही विशेष महत्व होता है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या पर यदि किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो उसे आज के दिन भगवान शनि और भगवान हनुमान की पूरी श्रद्धा के साथ आराधना करनी चाहिए।
ऐसा माना जाता है भगवान हनुमान की पूजा करने से भगवान शनि बेहद प्रसन्न होते हैं। इससे भगवान शनि की कृपा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। साथ ही उसके कार्य में आने वाली सभी बाधाएं भी स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी। शनैश्चरी अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। आज के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद करने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। वहीं स्नान के बाद पितरों को तर्पण और दान आदि करना शुभ फलदायक होता है।
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शनैश्चरी अमावस्या के दिन पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को पितृदोष से मुक्ति मिलती है इसके साथ ही उसके जीवन में सुख और शांति भी आती है। वहीं शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल देना और सरसों के तेल का दीपक जलाना बेहद शुभ होता है। ऐसा करने से शनि दोष का प्रभाव भी कम होता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में माना जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है।