उत्तराखंड

Illegal Mining: अधिकारियों के मिली भगत से खनन माफियाओं के हौसले बुलंद ,12 लोगों पर FIR दर्ज

Illegal Mining: शासन-प्रशासन की सख्ती के बावजूद लक्सर क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार जोर-शोर पर है। चर्चा है कि, कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से खनन माफिया को खनन करने में छूट मिली हुई है। यही वजह है कि, कुछ खनन माफिया बेधड़क होकर अवैध खनन को तेजी से अंजाम दे रहे हैं। लक्सर क्षेत्र के बालावाली से लेकर भोगपुर तक के क्षेत्र में रात-दिन जेसीबी ट्रैक्टर ट्रॉली व डंपर के माध्यम से खनन कार्य चलता रहता है। प्रशासन द्वारा बीच-बीच में छापेमारी कर जेसीबी, डंपर, ट्रैक्टर ट्रालियां सीज कर दी जाती हैं, जो जुर्माना देकर दोबारा से इस कार्य में संलिप्त हो जाती हैं। आखिरकार इसका जिम्मेदार कोन है यह एक बड़ा सवाल है।

लक्सर के प्रतापपुर का मामला 

ताजा मामला लक्सर के प्रतापपुर से आया है, जहां ग्रामीणों की शिकायत पर राजस्व उपनिरीक्षक अंजु कुमार द्वारा खनन माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए प्रतापपुर निवासी 12 लोगों पर ग्राम समाज की भूमि पर अवैध खनन करने पर लक्सर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया है। शमीम, नाहिद, सुलेमान, नफीस रिहान निवासीगण निहेंदपुर और चंद्रवीर, गुड्डू,,दिनेश, पौध्धा, पाली व बिट्टू निवासीगण गांव प्रतापपुर पर आरोप है कि, रात के अंधेरे में गंगा व ग्राम समाज की सरकारी भूमि को जेसीबी से खोदकर 27 हजार घन मीटर आरबीएम निकाला गया है। जिसको लेकर ग्रामीण लगातार अधिकारियों से मामले को लेकर शिकायत कर रहे है। ये भी पढ़ें: तमिलनाडु: 3 मार्च को DMK-CPI की बैठक, सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला

प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप 

बता दें, अवैध खनन के इस खेल में पिछले लंबे समय से पुलिस व प्रशासन पर मिलीभगत के भी आरोप लगते आ रहे हैं। गंगा व बाणगंगा के अलावा, ग्राम पंचायत, वन विभाग और निजी नाप की भूमि पर अवैध खनन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। शाम ढलते ही यहां जेसीबी गरजने लगती है। इसके बाद सुबह होने तक अवैध खनन को ठिकाने लगा दिया जाता है। अब देखना होगा कि राजस्व विभाग की इस कार्यवाही का कितना असर होगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)