देहरादूनः उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केसों के बीच रविवार को प्रदेश भर में लॉकडाउन है। बंदी के चलते बाजार और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस बिना कारण सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ चालान कर रही है। राज्य के 91 निकायों में सेनेटाइजेशन किया जा रहा है। साप्ताहिक बंदी में आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। सरकार और प्रशासन की ओर से संक्रमण चेन तोड़ने के लिए लगातार लोगों से सहयोग की अपील की जा रही है। रविवार को देहरादून सहित पूरे राज्य में लॉकडाउन का असर दिखा। हालांकि प्रदेश के पांच जिले के कुछ शहरों में पिछले एक सप्ताह से बंदी लागू है। राज्यभर के 91 निकायों में सेनेटाइजेशन कार्य 524 वाहन और 531 लाउडस्पीकर के माध्यम से किया जा रहा है। छिड़काव में केमिकल के साथ ब्लीचिंग पाउडर को शामिल किया गया है।
देहरादून के विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार, नैनीताल के साथ पर्वतीय जनपदों में भी बंदी के चलते बाजार और सड़कें खाली रहीं। सुबह राजधानी के प्रमुख चैराहों में पुलिस चौकस रही। एक-एक व्यक्ति की जांच की गई। विकासनगर की ओर से शहर में आ रहे वाहनों को प्रेमनगर में पुलिस ने रोका। यहां थाने के बाहर बैरियर लगाकर लोगों से आने का कारण पूछा गया। शहर के वार्ड और बाजारों में निगम की ओर सें सेनेटाइजन अभियान के तौर पर चलाया गया है। इस दौरान मेयर सुनील उनियाल गामा भी शामिल हुए।
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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण बचाव को लेकर बंदी आदेश पालन पुलिस राज्य भर में सख्ती के साथ पालन कराने की दिशा में काम कर रही है। पुलिस की ओर से लोगों को घरों में रहने की लगातार अपील की जा रही है। इसके बावजूद भी बाहर बिना कारण निकलने वाले लोगों पर सख्ती से कार्रवाई भी कर रही है। इसके साथ ही मानवीय कार्य को भी पुलिस पूरी शिद्दत के साथ कर रही है। संक्रमित महिला, परिवार के साथ ही बुजुर्गों की हर चिंता का ख्याल रखते हुए घरों तक जाकर सहयोग किया जा रहा है। जिलाधिकारी डा.आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कर्फ्यू से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन को लेकर प्रशासन पूरी तैयारी के साथ काम कर रहा है। संक्रमण रोकने लिए उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने बताया कि एसडीएम अपने-अपने सर्किल के सीओ से समन्वय बनाकर बंदी सहित कोरोना कार्य में जुटे हुए है।