लखनऊः जरायम की दुनिया कुछ दिनों के लिए सितारे बुलंद कर सकती है, लेकिन उसका अंत होने पर अपने भी पराये हो जाते हैं। यह हकीकत देखने को मिल रही है, अतीक और अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज की स्थिति देखकर। अभी उमेश पाल हत्याकांड का आरोपित और अतीक के बेटे असद के कब्र पर चढ़े फूल मुरझाये भी नहीं थे कि अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या हो गयी। जब अतीक और अशरफ की हत्या हुई तो उसके लिए रोने वाला कोई नहीं दिखा। पत्नी शाइस्ता अभी भी फरार है। दोनों बड़े बेटे जेल में हैं। दोनों छोटे बेटे बाल सुधार गृह में है।
अशरफ की पत्नी जैनब भी आरोपी होकर फरार है। अन्य रिश्तेदारों की भी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि अतीक के शव के पास आकर आंसू बहा दें। जो उनके नजदीकी हैं, वे भी उनके शव के पास जाने से कतराते रहे, कहीं पुलिस उनके पीछे न पड़ जाय। अब अंदेशा है कि जैसे पुत्र असद की कब्र पर परिजन फूल चढ़ाने नहीं आए, वैसे ही अतीक व अशरफ के भी कब्र पर कोई फूल चढ़ाने नहीं आयेगा। उल्लेखनीय है कि अतीक पर हत्या, अपहरण, वसूली, हमला और जमीन कब्जा समेत 102 आपराधिक मामले दर्ज थे। चार दशक पहले महज 17 वर्ष की उम्र में हत्या सरीखी वारदात को अंजाम प्रयागराज में सनसनी मचाने वाले अतीक ने अपराध की दुनिया में कदम रखा तो वह आगे बढ़ता ही गया। एक के बाद एक हत्या, अपहरण, जमीन पर कब्जा, हत्या के प्रयास सरीखी सौ से अधिक वारदात को अंजाम देने वाले अतीक ने क्षेत्रीय दलों की सरकारों को अपनी अंगुलियों पर नचाया।
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