लखनऊ की धूल भरी सड़कें घोंट रहीं लोगों का दम

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लखनऊः दीपावली केे बाद से शहर में पटाखों के कारण हुए प्रदूषण से लोग तो परेशान हैं ही, इसमें राजधानी की खराब सड़कें भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। गड्ढों से युक्त सड़कों से धूल हवा में मिलकर उसकी गुणवत्ता को खराब कर रहा है। यह हाल तब है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवम्बर तक सड़कों के गड्ढे भरने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया समय धीरे-धीरे बीत रहा है, लेकिन लखनऊ की खराब सड़कों की हालत अभी तक नहीं सुधरी है। इन परिस्थितियों में नगर निगम की गाड़ियों के वाटर स्प्रिंकलर भी बेअसर साबित हो रहे हैं और प्रदूषण से लोगों का दम घुट रहा है।


शहर की कई ऐसी सड़कें हैं जहां पर काफी दूर तक केवल गड्ढे ही गड्ढे दिखते हैं। पिछले दिनों हुई बारिश ने इनकी हालत और खस्ता कर दी, अब इन पर चलना भी दूभर है। आए दिन लोग यहां गिरकर चोटिल हो रहे हैं। यह हाल केवल शहर की सड़कों का ही नहीं है, कई हाईवे के गड्ढे भी जानलेवा हो गए है। सालों से इन पर काम न होने से इनकी सूरत बिगड़ चुकी है। गोमती नगर विस्तार से जनेश्वर मिश्रा पार्क को जाने वाली सड़क पर आज भी मरम्मत की जरूरत है। भोलाखेड़ा से विजयनगर चैकी तक सड़क पर कई बार काम शुरू किया गया, लेकिन हमेशा बरसात होने के कारण रूक गया। केवल कुछ दूरी पर ही पैचिंग वर्क किया गया। यहां बड़े-बड़े गड्ढों से मिट्टी निकलने लगी है। वाहन चलते समय यह हवा में उड़ने लगती है और आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं। लोगों के वाहनों में भी यहां अक्सर कुछ न कुछ खामी हो जाती है।

बांसमंडी से राणाप्रताप चैराहा तक सड़क पर दर्जनों गड्ढे हैं। कुछ स्थान पर मरम्मतीकरण की शुरूआत हुई, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया। यहां ओवरब्रिज के किनारे वाहनों की रफ्तार काफी धीमी हो जाती है और यह केवल सड़क पर गड्ढों के कारण ही है। गोमती नगर विस्तार के 15 अपार्टमेंट के 05 हजार परिवारों को जोड़ने वाला यह मुख्य मार्ग है। यह सड़क कभी भी पूरी तरह से नहीं बनी। देवा रोड अब नगर निगम की सीमा में है। यहां करीब पांच साल से सड़क केवल औपचारिक ही है। स्थानीय लोग निगम के अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं। इसी तरह मटियारी से देवा रोड हिम सिटी कॉलोनी के गेट तक सड़क में गड्ढे ही गड्ढे हैं। हालांकि, यह सड़क लोक निर्माण विभाग को बनाना है।

इस सड़क की मरम्मत भी मुख्यमंत्री की डेडलाइन पर होनी है। मण्डलायुक्त के अनुसार भी लोक निर्माण विभाग और नगर निगम को ही सड़कों की मरम्मत करना है। शहर के अंदर भी कई सड़कें लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठीक कराई जानी हैं। इनमें ही विजयंत खण्ड स्टेडियम से यस अस्पताल चैराहे तक सड़क पर हल्की बरसात होने पर भी पानी भर जाता है। उस दौरान भी वाहनों से लोग अक्सर गिरते रहते हैं। बसंत विहार कॉलोनी से इस्माइलगंज को जाने वाली सड़क करीब 700 मीटर लम्बी है, जिसे भी मरम्मत की दरकार है।

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सड़कों पर हो रहा पानी का छिड़काव

लखनऊ में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए नगर निगम पसीना बहा रहा है। एक ओर सड़कों की मरम्मत की जा रही है, तो दूसरी ओर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत शहर में स्प्रिंकलिंग, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग तथा टैंकरों के माध्यम से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इस कार्य में सभी 08 जोनों में एक वाटर स्प्रिंकलिंग मशीन, एक मैकेनिकल सेटिंग एवं 05 वाटर टैंकर लगाए गए हैं। इन मैकेनिकल वाहनों से शहर के वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास हो रहे हैं।

विभूति खण्ड तथा पॉलिटेक्निक के आस-पास के क्षेत्र में बीबीडी हाईकोर्ट, सम्पूर्ण विभूति खण्ड तथा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, पिकनिक स्पॉट कुकरैल तथा गौतम बुद्ध पार्क क्षेत्र के अंतर्गत घंटाघर चैराहे से भूलभुलैया होते हुए मेडिकल कॉलेज व गौतम बुद्धा पार्क, महानगर व सेंट्रल स्कूल अलीगंज क्षेत्र के अंतर्गत अलीगंज केंद्रीय भवन होते हुए सेंट्रल स्कूल का पूरा क्षेत्र, अमीनाबाद व दया निधान पार्क लालबाग के अंतर्गत 1090 चैराहा से विधानसभा, लालबाग, कैसरबाग व अमीनाबाद पूरा क्षेत्र, चारबाग व तालकटोरा क्षेत्र के अंतर्गत बापू भवन से चारबाग एवं मवैया से तालकटोरा रोड होते हुए आलमबाग बस अड्डा तक पानी का छिड़काव किया गया है।

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