Home आस्था लक्ष्य की राह में आने वाली मुश्किलें होती हैं सफलता की सीढ़ी

लक्ष्य की राह में आने वाली मुश्किलें होती हैं सफलता की सीढ़ी


नई दिल्लीः अगर विश्व गुरू की बात करते हैं तो जेहन में पहला नाम स्वामी विवेकानंद का ही आता है। विवेकानंद की गणना केवल भारत की ही नहीं बल्कि विश्व के महानतम लोगों में होती है। विवेकानंद सही अर्थों में भारतीय मूल्यों के सच्चे प्रतिनिधि थे। एक ओर तो वो भारतीय दर्शन, वेदांत के प्रखर ज्ञाता थे तो दूसरी ओर आधुनिकता के प्रबल समर्थक भी। विवेकानंद ने संपूर्ण विश्व को अध्यात्म, दर्शन और विज्ञान के समन्वय का मार्ग दिखाया। स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों में कई ऐसी बातें कहीं हैं, जो हमारे जीवन में काम आ सकती हैं। विवेकानंद के प्रेरक विचारों से हम अपने जीवन के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। उनके विचारों में हम जीवन की हर समस्या का हल पाते हैं।
विवेकानंद का मंत्र है-

‘उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’
जीवन में जब भी हम कोई नई चुनौती या लक्ष्य चुनते हैं तो कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। विवेकानंद उसकी अवस्थाओं को हमारी सफलता की सीढ़ी बताते हैं। उनका कहना है-
‘हर काम को तीन अवस्थाओं से गुजरना होता है-उपहास, विरोध और स्वीकृति’

विवेकानंद ने अपने अनुभवों के आधार पर हमें बताया कि संगठन की शक्ति क्या है। विवेकानंद का कहना था कि अनेक देशों में भ्रमण करने के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि संगठन के बिना संसार में कोई भी महान एवं स्थाई कार्य नहीं किया जा सकता। विवेकानंद ने हमारे जीवन में हर पग पर आने वाले अच्छे और बुरे मार्ग के दो राहों का सही हल बताते हुए कहा-

यह भी पढ़ें-विवाह बंधन में बंधे विक्की-कैटरीना, सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर लिखा रोमांटिक नोट

यह मत भूलो कि बुरे विचार और बुरे कार्य तुम्हें पतन की और ले जाते हैं। इसी तरह अच्छे कर्म व अच्छे विचार लाखों देवदूतों की तरह अनंतकाल तक तुम्हारी रक्षा के लिए तत्पर हैं। विवेकानंद ने मानव को उसकी असीम क्षमता और सामर्थ्य का एहसास दिलाते हुए कहा- संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)

Exit mobile version