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BRICS Summit: पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों में सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर, यूपीआई को लेकर कही ये बात

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को BRICS देशों की आर्थिक क्षमताओं का हवाला देते हुए उनके बीच सहयोग बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने देशों के बीच स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करने के प्रयासों का स्वागत किया और यूपीआई से जुड़ी भारत की सफलता को ब्रिक्स देशों के साथ साझा करने की पेशकश की। रूस के कज़ान शहर में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

यूपीआई की तारीफ

हम विविधता और बहुध्रुवीय दुनिया में विश्वास करते हैं। मानवता में हमारा साझा विश्वास और हमारी ताकत अगली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत और समृद्ध भविष्य का निर्धारण करेगी। ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय एकीकरण बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय मुद्रा में व्यापार और एक-दूसरे के देशों में आसान भुगतान हमारे आर्थिक सहयोग को मजबूत करेंगे। भारत में बना यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) भारत की बड़ी सफलता की कहानी है। इसे कई देशों में अपनाया गया है। पिछले साल हमने शेख मोहम्मद के सहयोग से इसे यूएई में भी लॉन्च किया था। इसमें अन्य कई देशों के साथ भी सहयोग किया जा सकता है।

हरित ऊर्जा को अपनाने पर विशेष जोर

प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देते हुए नए ब्रिक्स अध्यक्ष ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को बधाई दी। उन्होंने ब्राजील को नए राष्ट्रपति के रूप में भारत के समर्थन का आश्वासन भी दिया। प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों से जलवायु परिवर्तन से संबंधित भारत द्वारा लाई गई विभिन्न पहलों में शामिल होने की अपील की और रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स ओपन कार्बन मार्केट पार्टनरशिप के लिए बनी आम सहमति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत में भी हरित विकास, जलवायु अनुकूल अवसंरचना और हरित ऊर्जा को अपनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन, मिशन लाइफ यानी पर्यावरण के लिए जीवनशैली, एक पेड़ को मां के नाम जैसी पहल की गई हैं।

विश्व की अर्थव्यवस्था में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी

पिछले साल सीओपी-28 के दौरान हमने ग्रीन क्रेडिट जैसी महत्वपूर्ण पहल शुरू की थी। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि सभी ब्रिक्स देशों में अवसंरचना के निर्माण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हमने भारत में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने के लिए स्पीड-शक्ति पोर्टल बनाया है। इससे एकीकृत योजना और कार्यान्वयन के लिए अवसंरचना विकसित करने में मदद मिली है और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आई है। हमें आप सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने में खुशी होगी।

ब्रिक्स के नए सदस्यों का स्वागत करते हुए मोदी ने कहा कि यह संगठन दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और विश्व अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है। पिछले दो दशकों में इसने बहुत कुछ हासिल किया है। हमारा मानना ​​है कि आने वाले समय में यह संगठन दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

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ब्रिक्स देशों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान यह बैंक वैश्विक दक्षिण के देशों में आर्थिक संसाधनों के लिए एक वैकल्पिक माध्यम बन गया है। यह बैंक कमोडिटी आधारित सिद्धांतों पर अपना काम जारी रखेगा और इसके विस्तार के दौरान दीर्घकालिक वित्तीय मजबूती, उचित ऋण और बाजार पहुंच का ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि विस्तारित ब्रिक्स संगठन अब 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था वाला संगठन बन गया है। विश्व व्यापार संगठन में सुधार के लिए ब्रिक्स देशों में आम सहमति है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में व्यापार को सुविधाजनक बनाने, सुरक्षित आपूर्ति प्रणाली, ई-कॉमर्स और विशेष आर्थिक क्षेत्रों से आर्थिक सहयोग मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें लघु एवं मध्यम उद्योगों के हितों पर भी ध्यान देना होगा।

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