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सेना दिवस पर याद किये गए जांबाज जवान, जानिए आज क्यों मनाया जाता है आर्मी डे

​नई दिल्लीः आज सेना दिवस पर रक्षा मंत्री ने सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान को सलाम किया है। सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) और थल सेना प्रमुख ने भी भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिकों, दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया है।

​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवारों को बधाई। राष्ट्र भारतीय ​​सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान को सलाम करता है। भारत को राष्ट्र के प्रति उनकी निःस्वार्थ सेवा पर गर्व है।

सेना ​दिवस के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अपना संदेश देते हुए कहा कि ‘हम उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी कर्तव्य के प्रति वीरता और सर्वोच्च बलिदान हमें नए सिरे से दृढ़ता के साथ खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है।’​​​

थलसेना प्रमुख जनरल एम एम ​​नरवणे ने सेना दिवस की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी पर प्रसारित संदेश में कहा कि सेना बातचीत के जरिये विवादों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय सेना सीमाओं पर यथास्थिति में ‘एकपक्षीय बदलाव के किसी भी प्रयास के खिलाफ दृढ़ता से खड़ी रहेगी और अमन-चैन की उसकी इच्छा को कमजोरी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सेना शत्रुओं की साजिश का त्वरित और निर्णायक जवाब देने में सक्षम रही है और उसी समय उसने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को और बढ़ने से भी रोका है।

पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सेना भारत के हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद के स्रोत पर ही हमला करने में संकोच नहीं करेगी। जनरल नरवणे ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने, मजबूत अनुशासन और दक्ष पेशेवर कार्यशैली पर आधारित सेना का सैन्य चरित्र उभरते भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने में बल को शक्ति प्रदान करता रहेगा। ​​

​भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने अपने बधाई सन्देश में कहा कि ​मैं भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिकों, हमारे दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आज हम अपने बहादुर दिलों की वीरता को सलाम करते हैं, जिनकी सर्वोच्चता, बलिदान ‘कर्तव्य की पंक्ति’ में हमेशा हमें प्रेरित करेगा। मैं यह भी भरोसा दिलाता हूं कि हमारी ‘वीर नारियों’और उनके परिवारों को सेना की ओर से सहायता और समर्थन मिलता रहेगा।​ उन्होंने कहा कि यह चुनौतियों और अवसरों से भरा वर्ष रहा है। इसके बावजूद भारतीय सेना देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में दृढ़ रही है और शेष विवादों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है​। भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया में तेजी दिखाई है।

करियप्पा के सम्मान में आज मनाया जाता है सेना दिवस

15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़ी वजह है। पहला यह कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी। दूसरी इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था। इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। केएम करियप्पा ‘किप्पर’ नाम से काफी मशहूर थे।

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दरअसल 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद ब्रिटिश इंडियन आर्मी दो हिस्से में बंट गई थी। एक पाकिस्तान आर्मी और दूसरा हिस्सा इंडियन आर्मी बनी थी। 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे करियप्पा फील्ड मार्शल के पद पर पहुंचने वाले इकलौते भारतीय हैं। फील्ड मार्शल सैम मानेकशा दूसरे ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें फील्ड मार्शल का रैंक दिया गया था।

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