Monday, October 28, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशमरीज के आस-पास की हवा भी कर सकती है संक्रमित: डाॅ. मुकुलेश

मरीज के आस-पास की हवा भी कर सकती है संक्रमित: डाॅ. मुकुलेश

लखनऊः कोरोना वायरस की दूसरी लहर में खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पहली लहर की अपेक्षा इस बार कोरोना तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं और अफरा-तफरी की स्थिति है, ऐसे में आम लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना के दूसरी लहर की घातकता, घर पर क्वारंटीन मरीजों की देखभाल व हवा में वायरस होने की आशंका आदि को लेकर इंडिया पब्लिक खबर टीम ने राजधानी के बंगला बाजार स्थित उद्यान हेल्थकेयर मल्टीस्पेशियलिटी हाॅस्पिटल के डायरेक्टर डाॅ. मुकुलेश गुप्ता (एमडी पीजीपीडी, पीजी डिप्लोमा इन डायबिटीज, सीनियर फिजीशियन एंड डायबिटोलाॅजिस्ट) से विशेष बातचीत की है। प्रस्तुत हैं उसके अंश:

  • कोरोना की दूसरी लहर कितनी घातक है ?
    कोरोना की दूसरी लहर में म्यूटेंट वायरस पहले की अपेक्षा 6-8 गुना तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। संक्रमित व्यक्ति के आस-पास की हवा भी संक्रमण को फैलाने में मदद कर रही है, ऐसे में बेहद सावधान रहने की जरूरत है। इस लहर में हर वर्ग जैसे- बच्चे, युवा, वृद्ध सभी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इससे यह कहा जा सकता है कि दूसरी लहर पहले की अपेक्षा काफी घातक है।
  • कोरोना के किन लक्षणों के दिखने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए ?
    पिछले लहर की तुलना में इस लहर में लक्षण भी अलग तरीके के दिख रहे हैं। पहली लहर में आम तौर पर बुखार, खांसी, गले में खराश जबकि दूसरी लहर में इन सबके अलावा अचानक बेहोश हो जाना, लूजमोशन, कमजोरी महसूस होना, मुंह के स्वाद का गायब होना, सूंघने की क्षमता खत्म होना, बदन का टूटना, छाती में दर्द आदि भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में हमें पुराने लक्षणों के साथ नए लक्षणों पर भी ध्यान देना होगा। सबसे खास बात यह है कि 98-99 प्रतिशत मरीज होम क्वारंटीन में फिजीशियन के संपर्क में रहते हुए ठीक हो रहे हैं। सभी के लिए हाॅस्पिटल की जरूरत न पहले थी और न आज है। समस्या यह है कि हम डर जाते हैं और हाॅस्पिटल पहुंच जाते हैं। ऐसे में मेरा सुझाव है कि कुछ माॅनिटरिंग पैरामीटर जैसे- सांस लेने की रफ्तार, पल्स रेट, एसपीओटू आदि पर घर में ही रहकर लगातार ध्यान दें, तो घर पर ही मरीज ठीक हो सकता है। यदि इन पैरामीटर्स में ज्यादा बदलाव दिख रहे हैं तो तुरंत मरीज को हाॅस्पिटल में भर्ती कराया जाना चाहिए।
  • संक्रमण से खुद को बचाते हुए घर में क्वारंटीन मरीजों की देखभाल कैसे करें ?
    जिस व्यक्ति को क्वारंटीन किया गया है, वह अपने कमरे में ही रहे और उसके पास कुछ बेसिक चीजें जैसे- पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि जरूर रखना चाहिए। रही बात खान-पान की तो मरीज के कमरे के बाहर एक टेबल रख दें और उस पर भोजन आदि रख दें। इसके अलावा जूठी थाली आदि को एक साबुन से भरे टब में कम से कम 10-15 मिनट छोड़ दें, इसके बाद कोई भी व्यक्ति उसे धुल सकता है। इन सब बातों का ध्यान यदि सही तरीके से रखा जाता है तो परिवार के अन्य व्यक्तियों को संक्रमण नही होगा।
  • घर पर रहने वाले लोग भी किस प्रकार से अपने आपको संक्रमण से बचाएं ?
    अलग रहना और दूरी बनाए रखना ही इस बीमारी से एकमात्र बचाव का उपाय है। जो व्यक्ति संक्रमित नही हैं वह एक साथ रह सकते हैं, लेकिन जो संक्रमित हैं उनसे बिल्कुल दूरी बनाए रखनी होगी। यदि संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा हो तो स्थान परिवर्तन भी जरूर किया चाहिए।
  • किस वजह से इस बार ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं ?
    वर्तमान में जो हालात हैं उसका नतीजा है कि हम मास्क, सोशल डिस्टेसिंग आदि को भूलने लगे थे, लेकिन अब हमें इसे अनिवार्य रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल करना ही होगा। आने वाले समय में और अधिक म्यूटेंट वायरस देखने को मिल सकते हैं, ऐसे में यह लड़ाई छोटी होने वाली नहीं है। इसके अलावा मेरा सुझाव है कि जरूरी दवाइयों का संचयन बिल्कुल न करें और ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए समाज के सक्षम वर्ग के लोग यदि जल्दी में इसके प्लांट लगा सकें तो काफी बेहतर होगा। ऐसा करने से आप बहुत से लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।
  • आरटीपीसीआर जांच पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं, इस पर आपका क्या कहना है ?
    आरटीपीसीआर एक जेनेटिक टेस्ट है और इसकी प्रमाणिकता कई बातों पर निर्भर करती है। जैसे- सैंपलिंग का ठीक ढंग से न होना, सही तरीके से कैरी फाॅरवर्ड न होना, सही समय पर सैंपलिंग का न होना आदि बातें इसकी प्रमाणिकता पर निर्भर करती है। इसके अलावा कुछ म्यूटेंट वायरस इसको इस्केप करते हैं। ऐसे में सही तरीका यह है कि 3-5 दिनों के बाद दोबारा सैंपल लेकर टेस्ट किया जाए। जीन सीक्वेसिंग एक सटीक प्रक्रिया है, लेकिन यह सबके लिए संभव नही है।
  • वैक्सीनेशन के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में आम लोग इसको लेकर काफी सशंकित हैं। इस पर आपका क्या कहना है ?
    वैक्सीन मुख्य रूप से हमारी इम्युनिटी को बढ़ाता है और वायरस के खतरे व उससे होने वाले नुकसान को काफी कम करता है। ऐसे में सभी लोग वैक्सीनेशन जरूर कराएं। रही बात वैक्सीनेशन के बाद संक्रमित होने की तो कोरोना का वायरस लगातार म्यूटेंट हो रहा है, इस वजह से कुछ लोग संक्रमित हो रहे हैं।
  • वर्तमान में हमें किन आहारों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए ?
    इम्युनिटी और कोरोना का चोली-दामन का साथ है। अगर आपके शरीर में बेहतर इम्युनिटी है तो जैसे आज तक अनेक वायरस से हमारा शरीर लड़ता आया है, हम कोरोना को भी मात दे देंगे। इस समय हमें हरी सब्जियां, फल, सलाद आदि का सेवन करना होगा और योगा के साथ-साथ वजन को भी काबू में रखना होगा। इम्युनिटी दो दिन के अंदर नही बढ़ाई जा सकती है, लेकिन फिर भी हमें इन सब बातों का ध्यान रखते हुए इसे दिनचर्या में शामिल करना होगा।

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