कोरबा जिला अस्पताल की टेंडर प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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रायपुर :  जिला चिकित्सालय कोरबा में उपकरणों और सामग्रियों की खरीदी की टेंडर (tender) प्रक्रिया में गड़बड़ी और फर्म विशेष को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई है। पिछले दिनों सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टेंडर (tender) का रिकॉर्ड तलब किया है। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन के चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई।

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साई कृपा इंटरप्राइजेस दुर्ग के संचालक विजय कुमार गोयल ने अधिवक्ता आशुतोष शुक्ला के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश कर बताया कि जिला चिकित्सालय कोरबा में जिला खनिज संस्थान न्यास मद से उपकरणों और सामग्रियों की आपूर्ति करने के लिए प्रतिष्ठित निर्माता कंपनी और उनके द्वारा अधिकृत विक्रेताओं से 27 मई 2021 को निविदा आमंत्रित की गई थी। मामले की अगली सुनवाई जून 2022 में होगी।

01 जुलाई 2021 को निविदा जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। वहीं, शाम 4 बजे निविदा खोली जानी थी। कोविड-19 के कारण निविदा खोलने की तारीख आगे बढ़ा दी गई। 15 मार्च 2022 को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में निविदा खोली गई। इसी दौरान फर्म विशेष को लाभ पहुंचाने और अन्य भागीदार फर्मों को गुमराह किया गया। अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के निविदा पत्र को यह कहकर खोलने से इंकार कर दिया कि उनकी संस्था इस निविदा के लिए पात्र नहीं है। मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पूछा कि टेंडर का सरकारी दस्तावेज लीक कैसे हुआ। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक टेंडर फाइनल करने पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई जून 2022 में होगी।

याचिकाकर्ता ने निविदा प्रक्रिया में हुए भेदभाव की शिकायत कलेक्टर से की थी। इसमें निविदा समिति के उपस्थित अधिकारियों द्वारा चुनिंदा फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए पक्षपातपूर्ण नीति अपनाई गई है। इसलिए मामले की जांच कराकर निविदा समिति के नियम विरुद्ध व असंवैधानिक आवंटन को रद्द कर नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग की, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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