कानपुर: पछुआ हवाओं से एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया और बुधवार को अधिकतम तापमान सात डिग्री गिर गया। इससे सुबह और शाम की सर्दी बढ़ गई और दिन में लोगों को तेज धूप से राहत मिल सकी। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार को दक्षिणी पूर्वी हवाओं के चलने पिछले 50 वर्षों से सबसे अधिक तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा। आगामी दिनों में बारिश की संभावना नहीं है और अभी गुलाबी सर्दी पड़ती रहेगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर एक तरफ रेखा के रूप में बना हुआ है। यह आठ फरवरी की रात से पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करना शुरू कर देगा। प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान के मध्य भागों पर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश और हिमपात हो सकता है। नौ फरवरी को बारिश और हिमपात की तीव्रता बढ़ सकती है और उत्तराखंड को भी कवर कर सकता है। अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के दिन और रात के तापमान में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हो सकती है। सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।
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बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 24.0 और न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 76 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 46 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 8.2 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आगामी सप्ताह आसमान साफ रहने के कारण बारिश की कोई संभावना नहीं है। तेज हवाओं के कारण सुबह एवं शाम के समय ठण्ड एवं हल्के कोहरे की स्थिति बनी रहेगी।
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