Telangana: आम्बेडकर के नाम पर होगा नया सचिवालय भवन, विपक्ष ने किया फैसले का स्वागत

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हैदराबाद: तेलंगाना राज्य के निर्माणाधीन सचिवालय भवन का नामकरण संविधान निर्माता बीआर आम्बेडकर के नाम पर करने वाले राज्य सरकार के निर्णय का कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने स्वागत किया है। शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लु भट्टि विक्रमाक ने एक बयान जारी मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के निर्णय पर हर्ष जताया। उन्होंने कहा कि संविधान में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्वतंत्रता, भाईचारे, समानता और धर्मनिरपेक्षता वाले समाज का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जतायी कि नवनिर्मित सचिवालय में बैठने वाले केसीआर और उनके अधिकारी आम्बेडकर की आकांक्षाओं के अनुसार नए समाज का निर्माण करेंगे।

गांधी भवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी. हनुमंत राव ने भी केसीआर सरकार के निर्णय पर हर्ष जताया। उन्होंने राव सरकार के नवनिर्मित सचिवालय का नामकरण संविधान निर्माता आम्बेडकर के नाम दिए जाने के स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय ने कहा कि नए सचिवालय के भवन का नामकरण आम्बेडकर के नाम पर रखने का यह अच्छा निर्णय है। प्रजा संग्राम यात्रा के चौथे दिन सिकंदराबाद कैंटोनमेंट निर्वाचन क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए संजय ने दलितों के प्रति मुख्यमंत्री केसीआर की नीयत पर संदेह व्यक्त करते हुए चुनौती दी।

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उन्होंने कहा कि यदि आम्बेडकर व दलितों के प्रति केसीआर को इतना ही प्रेम है तो दलित मुख्यमंत्री बनाने का वादा निभाएं और नए सचिवालय की नई कुर्सी पर पहले दलित मुख्यमंत्री को बैठाएं। उन्होंने कहा कि आम्बेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने का वादा केसीआर ने अभी तक पूरा नहीं किया है। केसीआर बताएं आठ साल में दलितों के लिए उन्होंने राज्य में क्या किया। उन्होंने कहा कि देश में दलित वर्ग से राष्ट्रपति बनाते समय केसीआर ने विरोध में वोट दिया। मोदी सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट में 12 दलितों को मंत्रियों के रूप में स्थान दिया।

विधान परिषद सदस्य और मुख्यमंत्री की बेटी के. कविता ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सरकार के नवनिर्मित सचिवालय को संविधान निर्माता डॉ. बीआर आम्बेडकर का नाम देने के निर्णय को ऐतिहासिक बताया। कविता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आम्बेडकर के प्रति सम्मान की भावना को प्रदर्शित किया है, वह पूरे देश के लिए एक आदर्श है। उन्होंने दिल्ली में नवनिर्मित संसद के नए भवन का नामकरण भी आम्बेडकर के नाम पर करने की मांग की। इस संबंध में तेलंगाना विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर भी केंद्र सरकार को भेजा गया है।

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