नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत दे दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट का आदेश विरोधाभासी है। गौरतलब है कि 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में तीस्ता सीतलवाड़ को एक हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 5 जुलाई को कोर्ट ने अंतरिम जमानत आज तक के लिए बढ़ा दी।
इससे पहले जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की तीन सदस्यीय पीठ ने गुजरात हाई कोर्ट के तुरंत सरेंडर करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तुरंत सरेंडर करने का HC का आदेश गलत है। कोर्ट ने कहा कि जो शख्स सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 महीने से जमानत पर है, उसे तुरंत सरेंडर करने का आदेश देने का कारण समझ नहीं आ रहा है।
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हालांकि, 1 जुलाई की शाम को ही दो जजों की बेंच की तीस्ता सीतलवाड़ को राहत देने के मामले पर अलग राय थी. इसके बाद कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने का आदेश दिया था. जिसके बाद 1 जुलाई को रात में ही तीन सदस्यीय पीठ दोबारा बैठी। दरअसल, एक जुलाई को गुजरात HC तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गुजरात ने तीस्ता को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद 1 जुलाई को ही तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ बैठी थी।
गौरतलब है कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ 2020 के गुजरात दंगों के लिए राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए साजिश रचने और झूठे सबूत गढ़ने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में 26 जून, 2022 को गिरफ्तार होने के बाद उन्हें हाल ही में न्यायिक हिरासत से रिहा किया गया था। तब से तीस्ता को गिरफ्तारी से सुरक्षा मिली हुई थी।
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