हिसार: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते बदलते परिवेश में शिक्षण कार्य एक चुनौती बन गया था, लेकिन शिक्षकों ने आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर इसे रूचिकर बना दिया। इससे न केवल विद्यार्थियों को इस संकट की घड़ी में फायदा हुआ बल्कि उनका शिक्षण कार्य भी निर्बाध गति से जारी रहा।
कुलपति प्रो. कम्बोज मंगलवार को विश्वविद्यालय के मानव संसाधान प्रबंध निदेशालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा प्रबंधन अकादमी की ओर से आयोजित 21 दिवसीय रिफ्रेशेर कोर्स के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनौती को अवसर पर में बदलना ही अपने आप में शिक्षक के लिए सबसे बड़ी कला है। शिक्षा में तकनीक का प्रयोग शिक्षक की महत्ता को कम नहीं करता बल्कि शिक्षक तकनीक के प्रयोग से शिक्षण को विद्यार्थियों के लिए ओर अधिक रूचिकर व बेहतर बना सकता है।
शिक्षक को चाहिए कि वह पारंपरिक शिक्षण कार्य और आधुनिक तकनीकों के बीच सामंजस्य स्थापित कर आगे बढ़े। एक शिक्षक ही अपने अनुभव व तकनीकों के प्रयोग से शिक्षा को विद्यार्थियों के लिए आसान व रूचिकर बना सकता है। उन्होंने प्रतिभागी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे यहां से सीखी गई आधुनिक तकनीकों को अपने-अपने संस्थानों में जाकर प्रयोग करें और अन्य शिक्षकों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
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प्रतिभागियों ने इस 21 दिवसीय कोर्स के दौरान हासिल अपने अनुभवों को मुख्यातिथि के साथ साझा किया और कहा कि इस तरह के रिफ्रेशर कोर्स समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए ताकि आधुनिक तकनीकों से शिक्षकों को रूबरू कराया जा सके। कार्यक्रम में कुलपति के ओएसडी डॉ. अतुल ढींगरा भी मौजूद रहे। समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।
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