हिमाचल में बैकडोर से नहीं होगी शिक्षकों की नियुक्ति, लोक सेवा आयोग से होगी भर्तियांः सीएम

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने राज्य के दुर्गम व दूरदराज क्षेत्रों में अस्थाई शिक्षकों को भर्ती करने सम्बंधी बातों का खंडन करते हुए कहा है कि सरकार ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया है। CM सुक्खू ने गुरुवार को शिमला में कहा कि सरकार किसी भी तरह के अस्थाई शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा किसी भी तरह की बैकडोर भर्ती से नियुक्तियां नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां शिक्षकों के पद खाली है, उन स्कूलों को चिन्हित कर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि जहां-जहां शिक्षकों के पद खाली है। उन पदों के बारे में जानकारी एकत्रित की जाए।

गौरतलब है कि हिमाचल के दुर्गम इलाकों में 3104 शिक्षकों की भर्ती (teachers’ recruitment) को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसमें यह कहा गया था कि इन शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर होगी, इसके लिए किसी भी लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। अस्थाई शिक्षकों की भर्ती के लिए टैट पास होना जरूरी रखा गया था।

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प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया था। वहीं ये प्रस्ताव वीरवार को कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाना था। इस प्रस्ताव के मुताबिक हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बिना साक्षात्कार लिए सिर्फ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर हजारों अस्थायी शिक्षकों की भर्ती होनी थी। जनजातीय और दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में दो या तीन साल के लिए यह नियुक्तियां होनी थीं। नीति के तहत राज्य कैडर की शिक्षा निदेशक और जिला की भर्तियां उपनिदेशक को करनी थी।

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