शिक्षक भर्ती घोटाला: जांच एजेंसियों का दावा, सीधे एजेंटों से वसूली करता था कुतंल घोष

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कोलकाता: शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल युवा नेता कुंतल घोष भी जांच अधिकारियों को गुमराह कर रहा है। उसने बताया है कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उसने सीधे तौर पर कभी किसी से पैसे नहीं लिए, लेकिन जांच में कुछ और जानकारी सामने आई है। पता चला है कि वह अलग-अलग जिलों में फैले अपने एजेंटों से सीधे रुपये वसूल करता था। अब तक 8 करोड़ रुपए की वसूली के साक्ष्य मिले हैं। इससे जुड़े दस्तावेज भी सीबीआई के हाथ लगे हैं।

केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। अब तक केंद्रीय एजेंसियों के 22 ऐसे एजेंट चिन्हित किए जा चुके हैं जो सीधे कुंतल को पैसे देते थे और उनके द्वारा प्राप्त परीक्षार्थियों की सूची का इस्तेमाल अवैध रूप से शिक्षक की नौकरी लगवाने में किया जाता था।इन सभी से पूछताछ की जा रही है। पता चला है कि आठ करोड़ रुपये का लेन-देन कुंतल ने सीधे इन्हीं एजेंटों के जरिए किया था।

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हुगली के एक एजेंट ने पूछताछ में बताया है कि उसने कुंतल को 3 करोड़ 4 लाख रुपए दिए हैं। एक अन्य एजेंट ने बताया है कि उसने 50 लाख रुपए दिए हैं। कुल मिलाकर आठ करोड़ रुपए के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं। वैसे इसी मामले में गिरफ्तार तापस मंडल ने दावा किया है कि कुंतल ने उससे 19 करोड़ दो लाख 10 हजार रुपये लिए हैं।इस तरह से देखा जाए तो 50 करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा मिल सकता है, जो इस मामले में अब तक बरामद शहर से कई गुना ज्यादा होने की उम्मीद है।

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