रांची: झारखंड में सरकारी स्कूलों के शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने की व्यवस्था में सेंध लगा रहे हैं। करीब एक हजार ऐसे शिक्षक हैं, जो बिना स्कूल गये ही हाजिरी बना रहे हैं। इसके लिए वे कभी फर्जी जीपीएस लोकेशन बनाते हैं तो कभी डेट और टाइम की सेटिंग बदलकर बैक डेट अटेंडेंस भी बनाते हैं। गुरुओं के इस फर्जीवाड़े का सरकार को महीनों बाद पता चला। उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
विभाग की जांच में 992 ऐसे शिक्षकों की पहचान हुई है, जो फर्जी जगहों से अटेंडेंस बनाकर ऑनलाइन अटेंडेंस ऐप की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। शिक्षा विभाग को उनकी गतिविधियों पर संदेह हुआ है, जिसके बाद मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, ये शिक्षक लगभग दो माह से बिना अपने स्थान से हटे ही अपनी हाजिरी बना रहे हैं। विभाग ने ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर लिया है। इसको लेकर शिक्षा सचिव ने विभिन्न जिलों को निर्देश दिये हैं। जिलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी और राज्य स्तर पर की गई समीक्षा में पाया गया है कि जीपीएस और समय व तिथि बदल कर उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
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यह एक दंडनीय अपराध है। ऐसे शिक्षकों की सूची सभी जिलों को दे दी गयी है। इनकी जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। डीईओ और डीएसई को स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों से मामले की जांच कराने को कहा गया है। शिक्षक के दोषी पाए जाने पर कार्रवाई कर सूचना देने के भी निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ई-विद्यावाहिनी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है। इसके लिए जीपीएस सिस्टम लगाया गया है, जिसके तहत स्कूल के 100 मीटर के दायरे में ही उपस्थिति बनानी होगी। लेकिन, शिक्षक अन्यत्र से भी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। गलत उपस्थिति बनाने वाले सबसे अधिक 214 शिक्षक पलामू जिले के हैं। शिक्षा विभाग के विश्लेषण में यह बात सामने आयी है कि शिक्षक लोकेशन चेंजर ऐप की मदद से स्थान बदल-बदल कर उपस्थिति बना रहे हैं। इससे स्कूल से 100 मीटर से अधिक दूरी होने पर भी शिक्षकों की उपस्थिति बन रही है।
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