शहर को साफ और रोशनी के लिए लाखों की टैक्स वसूली, फिर भी अंधेरा और गंदगी बरकरार

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अनूपपुरः शहर की मूलभूत सुविधाओं पानी, सफाई, बिजली की व्यवस्थाओं को पूरा करने के नाम पर नगर पालिका नगरवासियों हर वर्ष लाखों की समेकित टैक्स के रूप में वसूल कर रही है। शासकीय स्तर पर भी अतिरिक्त बजट का आवंटन हो रहा है। इसके बाद भी आम नागरिकों की सेवाएं प्रदाय करने में नगर पालिका असक्षम नजर आ रही है। शहर में गंदगी का आलम बना हुआ है। अनेक वार्ड की गलियों से लेकर मुख्य मार्ग के चौराहों पर अंधेरा बरकरार है।

स्वच्छता के कारण कई योजनाएं अधूरी अटकी पड़ी है, जिससे अनूपपुर शहर स्वच्छता रैकिंग में इस वर्ष 10वें स्थान से फिसलकर 87 वें स्थान पर चला गया है। अनूपपुर शहर की कई वार्डो की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है। सफाई के नाम पर कागजों में योजनाएं हैं, लेकिन क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। जबकि नगर पालिका अनूपपुर में वर्तमान में वर्ग 1 के 1, वर्ग 2 के 1 वर्ग 3 के 13 तथा वर्ग 4 के 18 पदाधिकारी व कर्मचारी कार्यरत है। वहीं 1 चालक सहित 4 संविदा आधारित चालक कार्यरत है। वहीं सफाई के लिए 60 दैनिक भोगी कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही है। लेकिन वार्ड की सड़कों पर झाडू रोजाना की जगह सप्ताह में एकाध बार लग रही है। नालियों की सफाई दो सप्ताह या माहभर में एक बार हो रहा है। यहीं नहीं सफाई के बाद कूड़े का ढेर भी सड़क किनारे जमा हुआ है।

17 सौ स्ट्रीट लाइट, फिर भी अंधेरा

नगर के 15 वार्ड में बने 4200 आवासीय घरों के साथ शासकीय बिल्डिंग तक स्ट्रीट लाइट के माध्यम से रोशन करने लगभग 1700 स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। लेकिन इतनी स्ट्रीट लाइट के बाद भी अधिकांश वार्ड की गलियां शाम को अंधेरे में तब्दील हो जाती है। जिसके कारण यहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें अधिकांश स्ट्रीट लाइट लगी है तो कुछ टूटी पड़ी है।

अधर में अटका टंचिंग ग्राउंड, कचरा निष्पादन की नहीं योजना

शहर के विभिन्न वार्डों से निकलने वाली लगभग 3-4 टन कचरा अब भी पूर्व निर्धारित टंचिंग ग्राउंट पर खुले में फेंका जा रहा है। यह कचरा एक स्थल पर नहीं बल्कि नगरपालिका के सफाईकर्मी नगर के अन्य खुले स्थान पर भी फेंक रहे हैं। जबकि 2007 में सेंदुरी गांव के पास बनाए गए टंचिंग ग्राउंट में कचरा निष्पादन के लिए कोई विशेष कार्य योजना नहीं तैयार की गई है। यहां कचरा निष्पादन के लिए सीमेट की तालाबनुमा गड्ढा भी नहीं बनाए गए हैं, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के कचरे का निष्पादन हो। यहीं नहीं पूर्व प्रस्तावित जैविक खाद उत्पादन के लिए संयंत्र भी नहीं स्थापित किए गए हैं। इसके लिए पूर्व में 1 करोड़ का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

सड़क पर बह रहा पानी

नगर में नालियों के अभाव में इंदिरा तिराहा से रेलवे फाटक, अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग पर न्यायालय के पास, अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग पर अमरकंटक तिराहा से तुलसी महाविद्यालय तक, रेलवे फाटक अनूपपुर से कोतवाली थाना तिराहा तक, इसके अलावा अनेक वार्ड में नालियों का अभाव बना हुआ है। जबकि वर्तमान में जो नालियां भी इनमें अधिकांश दशकों पूर्व बनी पतली नालियां हैं।

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मुख्य नगर पालिका अधिकारी हरिओम वर्मा बताया कि सफाई की व्यवस्थाओं को लेकर कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। सड़कों पर कचरे का ढेर नहीं छोड़ना है। कहीं लाइट में खराबी बनी है तो उसे सुधार करा दिया जाएगा।