कानपुर: आजादी के अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाने के लिए तैराकों ने उफनाती गंगा पर तिरंगा लेकर चल पड़े। इस तिरंगा यात्रा को जिसने भी देखा खूब सराहा। यही नहीं राष्ट्रभक्ति का जज्बा लिए इस अनोखी तिरंगा यात्रा को किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और खूब वायरल हो रही है। यह तिरंगा यात्रा हाथ पैर बांधकर उफनती गंगा में 18 किलोमीटर तक तैराकी करके देश भर में ख्याति हासिल करने वाले राष्ट्रीय तैराक रोहित निषाद की अगुवाई में निकाली गई।
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आजादी के अमृत महोत्सव को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय तैराक रोहित निषाद की अगुवाई में एक दर्जन से अधिक तैराकों ने हाथ में तिरंगा लेकर उफनती गंगा की धारा में तिरंगा यात्रा निकाली। यह यात्रा बाबा आनंदेश्वर घाट परमट से शुरु हुई और गुप्तार घाट तक का सफर तय की। इस अनोखी तिरंगा यात्रा को देखने के लिए गंगा तट पर बड़ी संख्या में शहरवासी जुटे। इस यात्रा के जरिए शहर वासियों को गंगा की स्वच्छता और भारत की अखंडता का संदेश दिया गया। रोहित निषाद ने बताया कि गंगा में तैराकी करते हुए राष्ट्रध्वज को लहराना कठिन था परंतु कई दिनों के अभ्यास और डॉल्फिन विधा से तैराकी करने के कारण उन्होंने अपनी टोली के साथ इस कार्य में सफलता हासिल की। गंगा में तिरंगा यात्रा का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया जो खूब देखा जा रहा है। अनोखी तिरंगा यात्रा में तैराक बृजेंद्र निषाद, केशव नारायण, गुलाब कश्यप, अंकित, रविंद्र गौर, मोहित निषाद, कृष्णा, शिवा, कुणाल, अरुण और रवि कश्यप शामिल हुए।
जीवन रक्षक पदक से सम्मानित होने का इंतजार
मैस्कर घाट में 26 जुलाई 2020 को गंगा नदी में नाव पलट गई थी और उसमें सवार 11 लोग डूबने लगे। इस पर रोहित ने अकेले ही गंगा नदी में छलांग लगा दी और सभी को सुरक्षित निकाल लिया। इस पर मंडलायुक्त डॉ राजशेखर ने रोहित को जीवन रक्षक पदक से सम्मानित करने को कहा था। हालांकि रोहित को उस सम्मान का इंतजार आज भी है।
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