AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को बड़ी राहत, दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में मिली बेल

14

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के पूर्वोत्तर दंगों से जुड़े एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी है। इसमें 25 फरवरी को खजूरी खास इलाके में अजय गोस्वामी गौतम नाम के शख्स को गोली मार दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने हुसैन के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि उच्च न्यायालय ने हुसैन को दो अन्य घटनाओं में जमानत दे दी थी, जिनके स्थान और समय का विवरण वर्तमान घटना के करीब था।

न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि जमानत आदेश अन्य मामलों के लिए मिसाल नहीं बन सकता। अदालत ने कहा, उपरोक्त अजीब स्थिति में, इस अदालत के पदानुक्रम में उच्चतर अदालत द्वारा आवेदक को दी गई जमानत आवेदक के पक्ष में परिस्थितियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा कि सभी प्राथमिकियों में कई गवाह आम हैं और उच्च न्यायालय ने हुसैन को जमानत देने से पहले पहले के दो मामलों में योग्यता की सराहना की थी। अदालत ने कहा कि उस स्थिति में इस अदालत के लिए अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई कारण नहीं हो सकता है। परिस्थितियों में आया यह महत्वपूर्ण बदलाव अपने आप में इस मामले में भी आरोपी/आवेदक को जमानत देने का आधार बनता है। लेकिन विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने तर्क दिया कि जमानत आदेश कोई बाध्यकारी मिसाल नहीं है। जमानत आदेश में जो कुछ भी कहा गया है वह केवल उस मामले के लिए विशिष्ट है और इसलिए, अन्य मामलों में दी गई जमानत इस मामले के लिए परिस्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकारी गवाह आसपास ही रहते हैं और आवेदक की रिहाई से उन्हें खतरा महसूस होगा।

यह भी पढ़ें-बस-कंटेनर की भीषण भिड़ंत, 2 बहनों की मौत, खाटू श्याम दर्शन करने गया था परिवार

हुसैन, सह-अभियुक्त व्यक्तियों के साथ, घायल गोस्वामी से जुड़ी घटना के संबंध में विभिन्न आरोपों के लिए मुकदमे का सामना कर रहे हैं। हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, लेकिन उन पर कुछ शर्तें लगाईं कि वह बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे, गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। अदालत ने कहा, “आवेदक मोहम्मद ताहिर हुसैन को एक लाख रुपये की जमानत राशि पेश करने पर जमानत दी जाती है। शिकायतकर्ता गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि 25 फरवरी 2020 को वह अपने चाचा के घर आया था और दोपहर करीब 3:50 बजे वह अपने घर आया था। उसने उन्हें छोड़ दिया। वह अपने घर सी 153, गली नंबर 21, खजूरी खास, दिल्ली जा रहा था। जब वह गली के कोने पर था, तो उसने मुख्य करावल नगर रोड पर एक बड़ी भीड़ को पथराव और गोलीबारी करते देखा। यह देखकर गोस्वामी मूंगा नगर की गली नंबर 8 में अपने चाचा के घर की ओर वापस भागने लगे, तभी उन्हें लगा कि गोली उनके कूल्हे में लगी है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)