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स्वास्तिक का निशान खत्म करता है नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव

नई दिल्लीः हिंदू धर्मशास्त्रों में स्वास्तिक चिन्ह का बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व पूजा-पाठ के बाद स्वास्तिक चिन्ह अवश्य लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्वास्तिक चिन्ह बनाने से कार्य में हमेशा प्रगति होती है। इसके साथ ही स्वास्तिक चिन्ह की वजह से किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां का प्रभाव नही होता है। स्वास्तिक भगवान गणेश का प्रतीक चिन्ह है। स्वास्तिक चिन्ह को बनाते समय कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व शुद्धता को बेहद अह्म माना गया है। इसलिए बिना स्नान और शुद्धता के स्वास्तिक चिन्ह नहीं बनाना चाहिए। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने के लिए घर में हल्दी से स्वास्तिक बनाना चाहिए। स्वास्तिक के निशान को हमेशा साफ और स्पष्ट बनाना चाहिए। ऐसा माना गया है कि स्वास्तिक में काफी ऊर्जा समाहित रहती है। इसलिए स्वास्तिक के निशान को कभी भी उल्टा या फिर टेढ़ा-मेढ़ा नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना शुभ नही माना जाता है।

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वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर के मुख्य द्वार की दिशा पूर्व या उत्तर बेहद शुभ होती है, लेकिन यदि किसी कारणवश आपके घर के मुख्य द्वार की दिशा पूर्व या उत्तर नही है तो आप अपने घर में सकारात्मकता बनाये रखने को दरवाजे पर स्वास्तिक या ऊॅं का निशान बना सकते हैं।