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ये सब ढोंग और पाखंड..., रामलला की प्राण प्रत‍िष्‍ठा को लेकर बिगड़े स्‍वामी प्रसाद के बोल

Swami Prasad Maurya: 500 साल के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए। पर क्या राम के नाम पर राजनीति खत्म हो गई? एक जहां पूरा देश राममय है तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और विवादित बयान सामने आया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा को को दिखावा और पाखंड बताया। उत्तर प्रदेश के अयोध्या के भव्य आयोजन ने बड़े स्तर पर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. दरअसल समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित कर्पूरी ठाकुर शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को गाजीपुर पहुंचे थे। जहां उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवालिया निशान उठाते हुए इसे बीजेपी का कार्यक्रम बताया। उन्होंने मंच से कहा कि एक टीवी डिबेट में एक संत कह रहे थे कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, तो सपा प्रवक्ता ने कहा कि जिनके परिवार में भी मृत्यु हो जाती है, उन्हें भी हमेशा जीवित रखना चाहिए। यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर जीवित हो जाता है तो मृत व्यक्ति चल क्यों नहीं सकता? ये भी पढ़ें..राम मंदिर के लिए दिल खोलकर दान कर रहे भक्त, पहले दिन रामलला को 3 करोड़ 17 लाख का चढ़ावा

ये सब ढोंग है पाखंड है

सपा नेता ने कहा ये सब दिखावा और पाखंड है। वहीं रामलला दर्शन के लिए अयोध्या जाने के सवाल पर कहा कि अब कोई भी कभी भी जा सकता है। 22 जनवरी को जो कार्यक्रम हुआ वह बीजेपी का निजी कार्यक्रम था। इसीलिए सभी राजनीतिक दलों ने उनसे दूरी बना ली थी। पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा करने संबंधी बयान पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भगवान के रूप में स्थापित है और सबका कल्याण करता है, तो हम उसमें प्राण प्रतिष्ठा करने वाले कौन होते हैं? ये कार्यक्रम बीजेपी का राजनीतिक ड्रामा था और कुछ नहीं। यदि यह कोई धार्मिक अनुष्ठान होता तो चारों शंकराचार्यों में से कोई एक उपस्थित होता। इसमें बीजेपी, VHP और RSS के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी रहे होंगे।

ये कार्यक्रम मोदी जी के लिए था रामलला के लिए नहीं

इसलिए यह पूरी तरह से बीजेपी का निजी कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम केवल मोदी जी के लिए आयोजित किया गया था, भगवान रामलला के लिए नहीं। वहां हजारों वर्षों से भगवान राम की पूजा होती रही है तो प्राण प्रतिष्ठा का क्या औचित्य है। मूर्ति और मंदिर की सुंदरता के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि मंदिर अभी अधूरा है और इस पर शंकराचार्य का विरोध भी था।

2024 में बीजेपी की विदाई तय

सपा नेता ने कहा कि यह पहली पार्टी है जो देश को बेचने में लगी है, इन्होंने सारे बंदरगाह बेच दिये, हवाईअड्डे बेच दिये, रेलवे प्लेटफार्म बेच दिये। रेलगाड़ियां बेच दीं, सारे सरकारी विभागों को प्राइवेट कंपनी को बेच रहे। इतना ही नहीं देश की सबसे बड़ी कंपनी LIC को बेच दिया। भाजपा लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास कर रही है। 2024 में बीजेपी की विदाई तय है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)