वाराणसीः पवित्र नगरी काशी में फिल्म ’आदिपुरुष’ के संवाद को लेकर संतों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। संतों का कहना है कि फिल्म निर्माता व संवाद लेखक ने सनातनी संस्कृति पर प्रहार कर अक्षम्य अपराध किया है। काशी सुमेरूपीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने रविवार को कहा कि रामायण और श्रीरामचरितमानस हर हिंदू की भावनाओं से जुड़ा है। इस फिल्म में भारत की प्राचीन संस्कृति का मजाक उड़ाया गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता जानकी, हनुमान जी सहित अन्य पात्रों को पूरी फिल्म में अमर्यादित ढंग से पेश किया गया है।
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ लोग लगातार हमारे धर्म और शास्त्रों का अपमान कर रहे हैं। ये लोग पैसा और नाम कमाने के लिए धर्म से खिलवाड़ कर रहे हैं। वे लगातार सनातन धर्म के तथ्यों और धार्मिक मूल्यों से छेड़छाड़ कर रहे हैं। सरकार को ऐसी फिल्में बनाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा कि ऐसे फिल्म निर्देशक, अभिनेता और पटकथा लेखक को बिना मर्यादा के हिंदू समाज कैसे स्वीकार करेगा।
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स्वामी नरेंद्रानंद ने फिल्म के पात्रों के पहनावे और उनके संवाद तेरे बाप का, आग तेरे बाप की, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरे बाप की, ’तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने आ गया…’ पर कड़ी आपत्ति जताई। स्वामी नरेंद्रानंद ने सेंसर बोर्ड को भी जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों पर उनकी कैंची नहीं चलती। सनातन धर्म के अलावा अन्य धर्मों पर बनी फिल्मों से छेड़छाड़ होती है तो सीन तुरंत काट दिए जाते हैं।
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