हरिद्वारः योग गुरु स्वामी रामदेव के साथी स्वामी मुक्तानंद (Swami Muktananda) के निधन से पूरे संत समाज और हरिद्वार में शोक की लहर है। हरिद्वार पतंजलि योगपीठ में स्वामी मुक्तानंद का 66 वर्ष की उम्र में शुक्रवार देर रात 9:30 बजे के करीब आकस्मिक निधन हो गया। स्वामी मुक्तानंद पतंजलि योगपीठ के कोषाध्यक्ष थे और वह पतंजलि योगग्राम के प्रभारी भी थे। जुलाई 1956 में उनका जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था। संस्कृत से स्नातकोत्तर और विज्ञान व गणित विषय के साथ उन्होंने बीएससी पास की थी।
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जड़ी-बूटियों का था विशेष ज्ञान
शुक्रवार की देर शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उनकी सांसें उखड़ने लगीं, तुरंत उन्हें एंबुलेंस से सिडकुल हरिद्वार स्थित मेट्रो हास्पिटल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मिलनसार, हंसमुख स्वभाव के स्वामी मुक्तानंद को जड़ी-बूटियों का विशेष ज्ञान था। दवाओं को तैयार करने और जड़ी-बूटियों की पहचान करने का उनका 15 साल से भी ज्यादा पुराना अनुभव था।
जड़ी-बूटी शोध संस्थान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान
पतंजलि को जड़ी-बूटी शोध संस्थान बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके निधन पर स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, राम भरत ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार शनिवार शाम को 3:00 बजे कनखल शमशान घाट पर किया जाएगा। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले स्वामी मुक्तानंद की अचानक हुई मौत के बाद दशकों पुराना इनका साथ अब छूट गया है। अपने शुरुआती दौर से साथी रहे स्वामी मुक्तानंद (Swami Muktananda) की मौत से सबसे ज्यादा किसी को अगर धक्का लगा है तो वह योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ही हैं।
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