नियमों को ताक पर रखकर किया गया सस्पेंड, जरूरत पर जाएंगे SC, बोले अधीर रंजन चौधरी

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राष्ट्रपति

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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर उन्हें लोकसभा से निलंबित किया गया है, इसलिए जरूरत पड़ी तो वह सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे। शनिवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मणिपुर पर अपना पक्ष रखें, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। हमें मजबूर होकर अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा।

हम यह सोचकर प्रस्ताव लाए थे कि इसी बहाने प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन वह दो घंटे से अधिक के भाषण में केवल दो मिनट ही मणिपुर पर बोल सके। चौधरी ने कहा कि जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। ये हमारे घर की परंपरा है। इसके बावजूद मोदी सरकार ने सभी पारंपरिक तरीकों की धज्जियां उड़ाते हुए एक के बाद एक बिल पास कराए हैं। इस दौरान विपक्ष को किसी भी बिल पर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल सका।

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चौधरी ने कहा कि उन्होंने लोगों के मुद्दों सहित मणिपुर के मुद्दों पर लगातार कड़ा रुख अपनाया है। इसीलिए योजनाबद्ध तरीके से उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया। गौरतलब है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। सदन की ओर से उनसे माफी मांगने को कहा गया लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। इसके चलते उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।

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