सुशील मोदी बोले ‘भारत’ शब्द संवैधानिक, जिन्हें आपत्ति है ‘इंडिया माता’ की जय करें

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Patna Sushil Modi said Congress driving seat Nitish margins

पटना: जी-20 सम्मेलन के मौके पर आयोजित रात्रि भोज के लिए अंग्रेजी में लिखे निमंत्रण पत्र में ‘इंडिया के राष्ट्रपति’ लिखने के विरोध पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह भी खिलाफ है। यह गहरी राजनीति का हिस्सा है। इस देश को सदियों से इंडिया कहा जाता है, जबकि ‘इंडिया’ अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है।

मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोध की सीमाएं लांघते हुए अब भारत, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का विरोध करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि संविधान मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था, इसलिए इसमें ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। दोनों शब्द संवैधानिक हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं हैं और नाम का अनुवाद नहीं किया जा सकता, लेकिन अगर हम अपने देश भारत को 75 साल से अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिख रहे हैं तो इसे सही नहीं कहा जा सकता।मोदी ने कहा कि हम कहते हैं ‘भारत माता की जय’। अगर विपक्ष ‘भारत माता की जय’ बोलना चाहता है तो उन्हें कौन रोक रहा है?

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चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा और हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी इस भूमि का नाम ‘भारत’ है, लेकिन इसके सनातन धर्म और सभ्यता को नष्ट करने की सुपारी लेकर पटना से लेकर मुंबई तक जो लोग व्याकुल हैं- संस्कृति घूम रहे हैं, राष्ट्रपति भवन के निमंत्रण कार्ड में ‘भारत’ लिखने पर भी उन्हें मिर्ची लग रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ‘भारत’ शब्द पर आपत्ति थी, लेकिन सनातन धर्म को खत्म करने के उदयनिधि स्टालिन के बयान का उन्होंने खुलकर समर्थन किया। मोदी ने कहा कि स्टालिन और प्रियांक खड़गे के बयान का लालू प्रसाद और नीतीश कुमार भी मौन समर्थन कर रहे हैं।