सुशील मोदी बोले- वोट बैंक की राजनीति है Uniform Civil Code का विरोध

0
44

 

पटनाः पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का समर्थन करते हुए कहा कि जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में सभी धर्मों के लोगों के लिए समान सजा का कानून है तो विवाह, तलाक से संबंधित नागरिक कानून गुजारा भत्ता (पारिवारिक कानून) में समानता क्यों नहीं होनी चाहिए?

रविवार को जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों में नागरिक कानून सबके लिए समान हैं, लेकिन भारत में विशेष धर्म के वोट बैंक की राजनीति करने वाले समान नागरिक संहिता का विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि संविधान की बात करते रहने वाले विपक्षी दल संविधान के अनुच्छेद-44 पर चर्चा क्यों नहीं करते, जिसमें देश की चुनी हुई सरकार से समान नागरिक संहिता लागू करने की अपेक्षा की जाती है? मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी आधा दर्जन से अधिक मामलों में सुनवाई के दौरान समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही।

यह भी पढ़ेंः-आकाश व वायु पर आधारित योग क्रियाओं का अभ्यास, रैली निकालकर किया जागरूक

बड़ी आबादी को होगी राहत

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से आधी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी और धर्म के नाम पर उनके समानता के अधिकार का हनन नहीं होगा। मोदी ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में जब धर्म के आधार पर सजा तय नहीं होती तो धार्मिक पहचान के आधार पर पारिवारिक मामलों में अलग कानून क्यों होना चाहिए?

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)