पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को साफ कहा कि लालू प्रसाद की ‘ब्लैकमेलिंग’ के आगे झुकने के कारण कांग्रेस 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी महिला आरक्षण विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पारित नहीं करा सकी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब भी राजद और सपा जैसे दलों के साथ है, जिन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाये। सुशील मोदी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन बिल’ (आरक्षण बिल) पेश करने का साहस दिखाया तो फिर वही पुराना कुतर्क दोहराना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल लाने से पहले पीएम मोदी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, कन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला मुफ्त गैस कनेक्शन योजना जैसे कार्यक्रम लागू कर आधी आबादी के प्रति अपना सम्मान जताते रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर खुले 50 करोड़ से ज्यादा जनधन खातों में से 60 फीसदी खाते पिछड़े, अति पिछड़े और दलित समुदाय की गरीब महिलाओं के हैं। सरकार ने अभी एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला कर महिलाओं को रक्षाबंधन का तोहफा दिया है।
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उन्होंने कहा कि दूसरी ओर महिला आरक्षण विरोधी लालू प्रसाद हैं, जिनके 15 साल के शासनकाल में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा और 2003 में बिना आरक्षण दिये ही पंचायत चुनाव करा लिये गये। उस समय एकल पदों पर भी एससी-एसटी को आरक्षण नहीं दिया जाता था। सुशील मोदी ने कहा कि 2005 में जब बीजेपी के साथ एनडीए की सरकार बनी तो बिहार के पंचायत चुनाव में पिछड़ी और अतिपिछड़ी जाति के साथ-साथ महिलाओं को भी आरक्षण मिला।
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