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शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है सूर्य नमस्कार

लखनऊः सूर्य नमस्कार सभी योगासानों में सर्वश्रेष्ठ है। यदि आप इसका नियमित अभ्यास करते हैं, तो यह सभी योगासनों की पूर्ति कर देता है। इसके नियमित अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। सूर्य नमस्कार को नियमित दिनचर्या में शामिल कर सही तरीके से किया जाए, तो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। इसमें 12 आसनों के दौरान गहरी सांस लेनी होती है, जिससे शरीर को फायदा होता है। जिन लोगों को कब्ज, अपच या पेट में जलन की शिकायत होती है, उन्हें हर सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद होता है।

सूर्य नमस्कार की 12 स्थितियां हमारे शरीर के संपूर्ण अंगों की विकृतियों को दूर करके निरोग बना देती हैं। यह पूरी प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी है। इसके अभ्यासी के हाथों-पैरों के दर्द दूर होकर उनमें सबलता आ जाती है। गर्दन, फेफड़े तथा पसलियों की मांसपेशियां सशक्त हो जाती हैं और शरीर की फालतू चर्बी कम होकर शरीर हल्का-फुल्का हो जाता है। सूर्य नमस्कार के द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा इनके होने की संभावना समाप्त हो जाती है। इस अभ्यास से कब्ज आदि उदर रोग समाप्त हो जाते हैं और पाचन तंत्र की क्रियाशीलता में वृद्धि हो जाती है।

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इस अभ्यास के द्वारा हमारे शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाड़ियां क्रियाशील हो जाती हैं, इसलिए आलस्य, अतिनिद्रा आदि विकार दूर हो जाते हैं। सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं।