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नोटबंदी के खिलाफ याचिकाओं पर 12 अक्टूबर को होगी सुनवाई, मोदी सरकार के फैसले को SC दी गई थी चुनौती

नई दिल्लीः नवम्बर 2016 में 500, 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट 12 अक्टूबर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। आज इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बी.आर. गवई, ए.एस. बोपन्ना, वी. रामसुब्रमण्यम और बी.वी. नागरत्न ने याचिकाकर्ताओं के वकील से पूछा कि क्या यह मुद्दा अब जीवित है?

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2016 में हुई थी नोट बंदी

केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट में यह मुद्दा नहीं टिकेगा और यह एक वाद विवाद का विषय बन कर रह जाएगा, जिस पर बहस करने के लिए वो तैयार हैं। पीठ ने कहा कि पहले से ही लंबित मामलों का बोझ है। नवम्बर 2016 में 500, 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कुल 58 याचिकाएं दायर की गई हैं।

न्यायमूर्ति गवई ने पूछा, कई याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया कि मामला अभी भी जिंदा है और अदालत को इस पर सुनवाई करनी चाहिए। "सवाल यह है कि क्या कुछ बचा हुआ है.."। पीठ ने कहा कि इस मामले में दो पहलू हैं, पहला कार्रवाई की वैधता और नोटबंदी के कार्यान्वयन से जुड़ी समस्या। शीर्ष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले महीने की तारीख तय की।

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पीठ ने स्पष्ट किया कि वह इस बात की जांच करेगी कि क्या याचिकाओं पर विचार करने की आवश्यकता है या यह एक वाद विवाद का विषय है। नवम्बर 2016 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था में काले धन के संचलन को रोकने के उपाय के रूप में सभी 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।

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