नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर व IPS परमबीर सिंह को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने परमबीर सिंह को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान परमबीर सिंह की ओर से वकील पुनीत बाली ने कहा कि वह भारत में ही हैं। उन्हें महाराष्ट्र पुलिस से जान का खतरा है, इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि हैरानी है पूर्व पुलिस कमिश्नर ऐसा कह रहे हैं। तब बाली ने कहा कि गृहमंत्री पर उगाही रैकेट चलाने का आरोप लगाने की वजह से उन्हें फंसाया जा रहा है।
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बाली ने कहा कि परमबीर से नए कमिश्नर ने कहा कि गृहमंत्री से समझौता कर लो, नहीं तो आदेश है कि आपके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लें। उन्होंने पहले जिन अधिकारियों को भ्रष्ट आचरण के लिए दंडित किया, उन्हीं को शिकायतकर्ता बनाया गया। उन्होंने कहा कि परमबीर 48 घंटे के भीतर सीबीआई या कोर्ट में पेश होने को तैयार हैं। कोर्ट ने पिछले 18 नवंबर को परमबीर सिंह के वकील से सवाल किया था कि पहले यह बताइए कि आप हैं कहां, भारत में हैं या बाहर? इसके बिना याचिका नहीं सुनी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपित जांच में शामिल नहीं हुआ। वकीलों को भी पता नहीं कि वह कहां है।
15 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप
गौरतलब है कि परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में भ्रष्टाचार और वसूली के 5 मुकदमे दर्ज हैं। परमबीर सिंह पर बिल्डर से 15 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है। मुंबई में परमबीर सिंह समेत 6 पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज है। एंटीलिया बम मामले में भी परमबीर सिंह को समन जारी किया गया था। इसके अलावा परमबीर सिंह पर अनिल देशमुख के खिलाफ जांच से भागने का आरोप है। NIA के 4 बार समन के बावजूद परमबीर सिंह कोर्ट में पेश नहीं हुए। अगस्त में परमबीर सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था।
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