नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज विकास धूल ने फैसला सुनाने के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की है।
जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि ईडी मनी लांड्रिंग कानून की मनमानी व्याख्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि पैसा अंकुश जैन, वैभव जैन और दूसरे आरोपितों का है, जो एंट्री से साफ है। यह कर उल्लंघन का मामला हो सकता है, लेकिन मनी लांड्रिंग का नहीं। उन्होंने कहा कि यह सत्येंद्र जैन का पैसा कैसे हो सकता है। इससे पहले ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जैन ने हवाला ऑपरेटर को 40-50 बार नकदी उपलब्ध कराई।
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ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे थे, जो भारतीय दंड संहिता के मुताबिक अपराध है। राजू ने कहा कि ये मामला एक करोड़ रुपये से अधिक की मनी लांड्रिंग का है, ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए। इससे पहले 7 नवंबर को राजू ने कहा था कि कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेकर माना है कि पहली नजर में अपराध हुआ है। राजू ने कहा था कि सत्येंद्र जैन से जुड़ी पांच कंपनियां हैं। ये पांच कंपनियां सिर्फ कागजी कंपनियां थीं जिनका इस्तेमाल पैसों को इधर-उधर करने के लिए किया जाता था। इन कंपनियों में व्यापार नहीं होता था।
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