नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट ने लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर काबू रखने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए स्वत: संज्ञान लिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को भी पलट दिया है।
जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जजों को इस तरह के मामलों में फैसला सुनाने के तरीके पर भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, खास तौर पर अगर लड़कियों से जुड़े मामले हैं तो विशेष संवेदनशीलता और एहतियात बरतने को कहा गया है।
जानें क्या है मामला?
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में 18 अक्टूबर 2023 को सुनवाई करते हुए सलाह दी थी लड़कियों को ‘अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए।’ कोर्ट ने कहा कि ‘जब वे दो मिनट के सुख के लिए ऐसा करती हैं, तो समाज की नज़र में वे गिर जाती हैं।’ कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि नाबालिग लड़कों को युवा लड़कियों, महिलाओं और उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए।
साथ ही हाईकोर्ट ने पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपी और पीड़िता के बीच संबंध सहमति से बने थे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को बरी कर दिया था।
ये भी पढ़ेंः- Badlapur Sexual Assault Case: मासूम बच्चियों के यौन शोषण के बाद फूटा लोगों का गुस्सा, शुरू किया रेल रोको आंदोलन
लड़के ने नाबालिग लड़की से बनाए थे संबंध
बता दें कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में एक लड़के ने नाबालिग लड़की से शारीरिक संबंध बनाए थे। जब यह संबंध बने थे, तब लड़की की उम्र 18 साल से कम थी। बाद में दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था। सितंबर 2022 में जिले की एक सत्र अदालत ने लड़के को नाबालिग लड़की से शारीरिक संबंध बनाने का दोषी पाया और उसे सजा सुनाई। इसके बाद यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजों को अपनी निजी राय नहीं व्यक्त करनी चाहिए। ऐसा आदेश किशोरों के अधिकारों का हनन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषियों को बरी करना पहली नजर में भी उचित नहीं लगता।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)