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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की आरोपी को हथकड़ी लगाने के खिलाफ दायर याचिका

 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को हथकड़ी लगाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश देने की मांग वाली दायर याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र एम. शर्मा से कहा कि कुछ कैदी बहुत खतरनाक होते हैं और उन्हें हथकड़ी लगाने की जरूरत होती है। प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, "हम स्वीकार करते हैं कि इसे (एक्स्ट्राजूडिशियल किलिंग) रोका जाना चाहिए, लेकिन हम इसे कैसे रोक सकते हैं?"

शर्मा ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे थे कि अभियुक्त को हथकड़ी नहीं लगाई जानी चाहिए, लेकिन इसके लिए मजिस्ट्रेट के सामने अनुरोध करने की आवश्यकता है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपियों को हथकड़ी लगाई जानी चाहिए, लेकिन हथकड़ी को अंडरट्रायल या कैदी पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा, "मजिस्ट्रेट को जानना चाहिए कि आरोपी हथकड़ी लगवाना चाहता है या नहीं।"

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इस पर प्रधान न्यायाधीश ने पूछा: "कौन अभियुक्त हां कहेगा? कल्पना कीजिए, यदि मजिस्ट्रेट किसी अभियुक्त से पूछता है कि क्या वह हथकड़ी लगाना चाहता है, तो वह स्पष्ट रूप से कहेगा कि नहीं। हां (कहना) उसके (आरोपी) के लिए काफी मूर्खतापूर्ण होगा।" मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि ऐसे कई आरोपी हैं जिन्होंने पुलिस और जेल वार्डर की हत्या की है। एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह याचिका पर और विचार करने के इच्छुक नहीं है और इसे खारिज कर दिया।