भोपालः देश में 13 जुलाई (बुधवार) को गुरुपूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन शाम को आकाश में गुरुपूर्णिमा का चंद्रमा भी साल का सबसे विशाल होगा। गुरु पूर्णिमा का चंद्रमा पृथ्वी से तीन लाख 57 हजार 418 किलोमीटर दूर रहते हुये साल में पहली बार सबसे नजदीक होगा। इस कारण इसका आकार अपेक्षाकृत बड़ा दिखेगा और चमक अधिक महसूस होगी। इस खगोलीय घटना को सुपरमून नाम दिया गया है। अर्थात् गुरु पूर्णिमा का चंद्रमा गुरु की तरह विशाल होगा।
सुपरमून बुधवार को शाम 7.00 बजे के लगभग पूर्वी आकाश में उदित होकर मध्यरात्रि में ठीक सिर के ऊपर होगा और पूरी रात आपका साथ देने के बाद अगले दिन सुबह-सबेरे यह पश्चिम में अस्त होगा। पश्चिमी देशों में इसे बक मून के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वहां नर हिरण इस समय अपने सींग उगाना आरंभ कर देते हैं। सूर्य, पृथ्वी से इस समय सबसे अधिक दूर है, जबकि चंद्रमा बुधवार को पृथ्वी के पास आने जा रहा है।
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पृथ्वी के अंडाकार पथ पर परिक्रमा के कारण सूर्य 4 जुलाई को लगभग 15 करोड़ 21 लाख किलोमीटर दूरी पर रहते हुये साल की सबसे अधिक दूरी पर था। पूर्णिमा का चंद्रमा भी अंडाकार पथ पर पृथ्वी की परिक्रमा के कारण पूर्णिमा पर साल का सबसे नजदीक रहेगा। इस दौरान चांद की पृथ्वी से दूरी तीन लाख 57 हजार 418 किलोमीटर रहेगी। तो तैयार हो जाइए, इस खगोलीय घटना के साक्षी बनने के लिए। गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का ध्यान या दर्शन कीजिए तथा शाम के आकाश में रात को चमकदार बनाने वाले चांद के दीदार का लुत्फ उठाइए।
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