शिमलाः कोविड-19 के मामलों में गिरावट के बीच और मैदानी इलाकों में चिलचिलाती गर्मी से परेशान, 17 अप्रैल तक चलने वाले लंबे छुट्टी की शुरूआत के पहले दिन, गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के गंतव्यों में छुट्टियां मनाने वालों की भीड़ जुटी। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के अनुसार, राज्य की राजधानी और इसके आसपास के पिकनिक स्थलों को चार दिवसीय छुट्टी को देखते हुए 50,000 से अधिक पर्यटकों की मेजबानी करने के लिए तैयार किया गया है। कैश रजिस्टर को ध्यान में रखते हुए, शिमला, कुफरी, मनाली, धर्मशाला, पालमपुर, कसौली और चैल जैसे प्रमुख स्थलों में कई निजी होटल व्यवसायियों ने कमरे के शुल्क में वृद्धि की है।
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उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि शिमला, कुफरी, चैल, नारकंडा और कसौली के अधिकांश होटलों में महामारी के कारण पिछले साल 1,000 रुपये वाला एक कमरा 5,000 रुपये में दिया गया। सप्ताहांत के अलावा, गुरुवार को बी.आर. अम्बेडकर की जयंती और बैसाखी का त्योहार भी है और अगले दिन गुड फ्राइडे है। इसलिए इसे वीकेंड के साथ जोड़कर लोग चार दिनों तक लगातार जश्न मना सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया, “शिमला और इसके आसपास के स्थानों जैसे चैल, कुफरी, नारकंडा और कसौली में हमारी लगभग सभी संपत्तियां इस सप्ताहांत तक पूरी तरह से भरी हुई हैं।” उन्होंने कहा कि ज्यादातर पर्यटक उन गंतव्यों की यात्रा करना पसंद करते हैं, जहां से वे बर्फ से लदी पहाड़ियों के ²श्य का आनंद ले सकें। उन्होंने कहा कि शिमला और मनाली के अलावा नारकंडा, सांगला, कसौली, चैल, पालमपुर, धर्मशाला और डलहौजी सबसे अधिक मांग वाले गंतव्य हैं।
चंडीगढ़ स्थित उद्यमी राकेश भंडारी ने कहा, “महामारी के कारण भय और चिंता के लंबे अंतराल के बाद, हमें एक पारिवारिक छुट्टी का अवसर मिला। चूंकि मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि पूरा कश्मीर क्षमता से भरा हुआ है, इसलिए हमने शिमला की यात्रा करने का फैसला किया।” उनकी बेटी नेहा ने कहा, “चंडीगढ़ में चिलचिलाती परिस्थितियों के मुकाबले पहाड़ियों में कितना सुखद मौसम है।” मनाली बर्फ से लदे पहाड़ों के कारण पर्यटकों का पसंदीदा बना हुआ है।
मनाली के एक ट्रैवल एजेंट ने बताया, “मनाली के पास की पहाड़ियों में अभी भी काफी बर्फ है, जहां पर्यटक आनंद ले सकते हैं।” पर्यटकों की भीड़ को देखकर टैक्सी चालक और गाइड खुलेआम ऊंचे रेट का हवाला देकर सैलानियों की जेब ढीली कर रहे हैं। पर्यटक दीपक तलवार ने कहा, “कुफरी में, टट्टू के मालिक आपके मना करने के बावजूद वास्तव में आपका शिकार करने की कोशिश कर रहे हैं।”
विभिन्न रिपोटरें के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में राज्य में पर्यटकों की आमद में 80-90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को काजा-लोसार-ग्रामफू-कोकसर राजमार्ग से यात्रा करने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि सड़क यातायात के लिए बहाल नहीं हुई है। राजमार्ग 14,931 फीट (4,551 मीटर) कुंजुम र्दे से होकर गुजरता है। राज्य की अर्थव्यवस्था पनबिजली, बागवानी और पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर है।
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