सुकमाः छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस के सामने दो लाख की इनामी महिला नक्सली ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया। महिला नक्सली बदरी उर्फ देवे ,थाना दोरनापाल क्षेत्र, नक्सलियों की दक्षिण बस्तर डिवीजन मेडिकल टीम की कमांडर के रूप सक्रिय थी। महिला नक्सली 15 वर्ष से नक्सल संगठन में सक्रिय थी ,जिस पर शासन द्वारा दो लाख रुपये का इनाम घोषित था। उक्त कार्यवाही में कोबरा 208 वाहिनी एवं जिला बल के संयुक्त प्रयासों से सफलता मिली। डीएसपी नक्सल रजत नाग, 208 कोबरा सहायक कमांडेट हेमन्त पलाश, एसडीओपी परमेश्वर तिलकवार के समक्ष बिना हथियार के उसने आत्मसमर्पण किया ।
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डीएसपी नक्सल रजत नाग ने बताया कि नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत् छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति तथा जिले में चलाये जा रहें पुना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर ,नक्सलियों की खोखली विचारधारा एवं उनके शोषण -अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर, प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़ी हाईकोर महिला नक्सली ने सुरक्षा बलों के प्रयासों से आत्मसमर्पण किया। महिला नक्सली जब बीमार थी तो नक्सलियों ने इसका इलाज नहीं किए। महिला नक्सली ने भेदभाव व प्रताड़ित किए जाने के कारण भी पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण किया।
15 वर्ष से नक्सली संगठन में थी सक्रिय
महिला नक्सली बदरी उर्फ देवे ,थाना दोरनापाल क्षेत्र को 2006-2007 में कोंटा एरिया कमेटी डीव्हीसी विजय द्वारा संगठन में भर्ती कराया गया था। तत्पश्चात नक्सल संगठन में गोलापल्ली एलओएस सदस्य, किस्टाराम एरिया डॉक्टर टीम सदस्य, 2013 में एसीएम पद उपरांत किस्टाराम एरिया डॉक्टर टीम कमांडर तथा वर्ष 2016 से डिवीजन डॉक्टर टीम कमांडर के पद पर कार्यरत रहीं। इस दौरान नक्सल संगठन में कार्यरत कई कैडरो का उपचार आत्मसमर्पित महिला नक्सली द्वारा किया गया। आत्मसमर्पित महिला नक्सली को शासन की पुर्नवास योजना के तहत 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि तथा पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
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