लखनऊः कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (19 नवम्बर) को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को खण्डग्रास चंद्रग्रहण पड़ेगा, लेकिन पंडितों के राय में इस ग्रहण की उत्तर प्रदेश में मान्यता नहीं होंगी। इस कारण से ग्रहण के सूतक आदि बातों पर विचार भी नहीं किया जाएगा। यह ग्रहण देश के पूर्वोत्तर भागों में कुछ समय के लिए दिखाई पड़ेगा। पूर्वोत्तर भागों में अरूणाचल प्रदेश और असम के कुछ स्थानों में दृश्य होगा। खगोलीयविदों के मुताबिक लगभग 600 साल बाद ऐसा चंद्र ग्रहण लग रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व भी बहुत है।
कब लगेगा चंद्र ग्रहण
वैसे ग्रहण 19 नवम्बर को दिन में 2 बजकर 48 मिनट पर शुरू होगा। ग्रहण का मध्य 2 बजकर 33 मिनट पर और मोक्ष शाम 4 बजकर 17 मिनट पर होगा। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को ऐहतियात बरतना होगा।
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इन देशों में दिखाई देगा ग्रहण
ग्रहण भारत के अलावा पश्चिमी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, एश्यिा और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबन्ध के कारण चन्द्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।
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