कानपुरः चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का प्रमुख विश्वविद्यालय है। यहां के छात्र शोध के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाते हैं और बड़े-बड़े पदों पर उनका चयन होता है। लेकिन यह देखा जा रहा है कि शोधार्थी छात्र नौकरी पर अधिक ध्यान केन्द्रित करते हैं, जबकि होना चाहिये कि ऐसे छात्र कृषि तकनीक पर अधिक काम करें, ताकि किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। कुलाधिपति ने दीप प्रज्जवलित कर विश्वविद्यालय के 22वें दीक्षां समारोह की शुरुआत की। कुलपति ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट प्रस्तुति की। इसके बाद राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 57 पदक में 31 पदक छात्राओं ने हासिल किया, यह महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है, लेकिन मेरे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को तो घर का काम भी करना पड़ता है। लड़के तो थाली तक नहीं उठाते हैं। समाज में बराबरी के लिए समानता रहना जरुरी है। चाहे वह लिंग अनुपात हो या फिर पढ़ाई का स्तर। हमारे देश की महिलाएं आगे आ रही हैं। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। कोई भी महिला समाज को तब तक योगदान नहीं दे सकती, जब तक शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूत न हो। राज्यपाल ने कहा कि पढ़ाई करने के लिए बहुत मेहनत की जरुरत पड़ती है। समय का पालन करना पड़ता है, आपकी पढ़ाई के पीछे माता-पिता को कभी नहीं भूलना चाहिए। आपको पढ़ाने के लिए उन्होंने मेहनत की है।
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दीक्षा समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंच पर आई एक लीटर पानी की बोतल लौटाकर छोटी बोतल की मांग की और जल संरक्षण पर जोर दिया। कहा कि इनोवेशन इंडेक्स में भारत 50वें स्थान पर आ गया है, चार पायदान ऊपर चढ़ गया है। आज पर्यावरण को संरक्षित करना होगा, प्राकृतिक खेती, गौ आधारित खेती को बढ़ावा देने की जरुरत है। हमारे यहां सभी तरह से पानी का महत्व बताया जाता है। इसके बावजूद वाटर प्यूरीफायर, बगीचे, नहाने और कार की धुलाई में पानी बर्बाद होता है। पानी की इस तरह की बर्बादी से भारत के 20 ऐसे शहर हैं, जहां आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा। समारोह में आगरा की शैल्वी वर्मा, बरेली की अर्पिता सोनी, बिहार के औरंगाबाद जिले की प्रियंका सिंह और चंदौली के पवन कुमार मौर्या को कुलाधिपति व अन्य प्रायोजित स्वर्ण पदक दिए गये। समारोह में कुल 14 मेधावियों को कुलाधिपति पदक दिए, जिनमें नौ छात्राएं और छह छात्र शामिल हैं। कुल 643 छात्रों को उपाधि दी गयी। 14 मेधावी विश्वविद्यालय रजत पदक और 14 कांस्य पदक से सम्मानित होंगे। 15 प्रायोजित पदक समाजसेवी संस्थाओं और पुरातन छात्रों के नाम से मेधावियों को दिए।