Friday, January 3, 2025
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सख्त हुई सरकार, बंद होगा गांवों में सेवा न देने वाले डॉक्टरों का वेतन

कोलकाताः ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने से कतराने वाले वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों (Senior Resident Doctors) पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य सचिवालय नवान्न ने आदेश जारी कर कहा है कि जो डॉक्टर बंधन सेवा के तहत निर्धारित स्थानों पर सेवा देने में लापरवाही बरतेंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। यह निर्णय राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के लेखा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। एमडी-एमएस योग्यताधारी वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों को तीन साल की अवधि तक ग्रामीण, जिला, महकमा और राज्य सामान्य अस्पतालों में सेवा देनी होती है। इस दौरान उन्हें 65 हजार से 75 हजार रुपये मासिक भत्ता मिलता है। अब अगर वे इस सेवा में लापरवाही बरतते हैं, तो उनका भत्ता रोक दिया जाएगा।

नियमों में नहीं हुआ बदलाव

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह नियम पहले से था, लेकिन जनहित को ध्यान में रखते हुए इसे सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में राज्य में 11 सौ से अधिक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर बंधन सेवा के तहत काम कर रहे हैं। नए आदेश के अनुसार अगर कोई डॉक्टर बंधन सेवा का पालन नहीं करता है, तो संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और उप प्राचार्य भी जवाबदेह होंगे। ऐसे डॉक्टरों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

2025 से नियम और सख्त हो जाएगा

1 जनवरी 2025 से बंधन सेवा के नियमों का उल्लंघन करने पर किसी भी तरह की दलील या अपील स्वीकार नहीं की जाएगी। डॉक्टरों को जिला स्तर पर सेवा देने के लिए काउंसलिंग के जरिए पोस्टिंग मिलेगी।

दरअसल कुछ समय पहले राज्य सरकार ने बंधन सेवा का पालन न करने वाले 31 डॉक्टरों पर 20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया था। हालांकि बाद में सरकार ने इस जुर्माने को माफ कर दिया था। इसके बावजूद डॉक्टरों की लापरवाही थम नहीं रही है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।

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