काठमांडूः नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त यति एयरलाइंस के विमान में एक 44 वर्षीय को-पायलट मंजू खतीवड़ा की भी जान चली गई। इसे अनोखा संयोग ही कहेंगे कि जिस तरह मंजू की विमान दुर्घटना में मौत हुई, उसी तरह 2006 में प्लेन क्रैश में उनके पति की भी मौत हुई थी। उनके पति दीपक पोखरेल की 2006 में जुमला जिले में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। पति की मौत के 17 साल बाद रविवार को मंजू की भी एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, उनके पायलट पति की मृत्यु के बाद, उनके पिता गोविंदा उन्हें नर्सिंग की पढ़ाई के लिए भारत भेजने की योजना बना रहे थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए पायलट ट्रेनिंग कोर्स को करने के लिए अमेरिका चली गईं। कुछ और उड़ानों के बाद उन्हें पायलट के रूप में पदोन्नत किया जाना था। पायलट बनने के लिए कम से कम 100 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए। मंजू नेपाल के लगभग सभी हवाईअड्डों पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुकी थी। उनके दिवंगत पायलट पति से उनकी एक बेटी थी।
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16 साल पहले, यति एयरलाइंस का एक 9एन एईक्यू विमान नेपालगंज से सुरखेत के रास्ते जुमला जा रहा था, जब वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें छह यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों की मौत हो गई। मारे गए लोगों में मंजू के पति भी शामिल थे। रविवार की दुर्घटना में यति एयरलाइंस के एटीआर-72 विमान को सीनियर कैप्टन कमल केसी चला रहे थे और मंजू को-पायलट थीं। एयरलाइन के मुताबिक विमान में चालक दल के चार सदस्यों समेत कुल 68 यात्री सवार थे। छह बच्चे भी थे। एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि विमान में 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, 2 कोरियाई, अर्जेंटीना और आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के एक-एक नागरिक सवार थे।
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