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स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल के पहले दिन 12 स्कूलों के 15 सौ बच्चों ने देखी कठपुतली की दुनिया

उदयपुर: उदयपुर टेल्स की ओर से शुक्रवार को तीन दिवसीय इंटरनेशनल स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल का धमाकेदार आगाज हुआ। मा माय एंकर फाउण्डेश्एन की को-फाउंडर सुष्मिता सिंघा ने बताया कि फेस्टिवल के प्रथम दिन प्रातः 11.30 से 12.30 बजे तक के सेशन में शहर सहित विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे 12 स्कूलों के 1500 बच्चों ने भाग लिया और रोमांचित कहानियों पर जमकर ठहाके लगाये। वह कहानियों में ऐसे घुल मिल गये मानो कहानियों में जो पात्र बताए जा रहे हैं वह वे स्वयं ही हों। रहस्य रोमांच से भरपूर कहानियों को सुनकर जहां बच्चों ने खूब मस्ती लूटी, वहीं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ‘कीका’ की कहानी सुनकर बच्चे जोश से भर गए और उनमे देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा।

सबसे पहले उदयपुर के प्रसिद्ध रंगकर्मी विलास जानवे ने कहानी कीका की…. सुनाई तो बच्चे भाव विभोर हो गए। इस कहानी में महाराणा प्रताप और जनजाति समाज के आपसी प्रेम को दर्शाया गया। कहानी के माध्यम से उन्होंने बच्चों को जो दृढ़ राखे धर्म को ताही राखे करतार का संदेश देते हुए कहा कि जो कर्तव्य का पालन करते हैं, हमेशा धर्म पर चलते हैं, अपने राष्ट्र राज्य की रक्षा के लिए अपने आप को समर्पित कर देते हैं, उनका भगवान भी साथ देता है। महाराणा प्रताप ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कभी हिम्मत नहीं हारी, सबको साथ लेकर चले, विपरीत परिस्थितियों को उन्होंने अवसर बना दिया। महाराणा प्रताप का जीवन उनका चरित्र जन जन के लिए प्रेरणादायक है। महाराणा प्रताप का जीवन चरित्र सुनने के बाद बच्चों में देशभक्ति का ऐसा ज्वार उमड़ा कि उन्होंने जय मेवाड़ जय मेवाड़ के नारों से आसमान गुंजा दिया।

कठपुतलियों ने दी बच्चों को सीख-

इसके बाद दिल्ली से आए वरुण नारायण ने बच्चों को कठपुतली की दुनिया से रूबरू कराते हुए पोटली के बाहर कहानी के अन्दर… सुनाई। कठपुतली की दुनिया से रूबरू कराते हुए उन्होंने बच्चों को रहस्य रोमांच से भर दिया। कहानी के अनुसार एक राजा का दरबार था। वहां पर पोटली में रखे गहने चोरी हो गये। उसका इल्जाम एक नृत्यांगना पर लगाया गया। जबकि गहनों की चोरी राजा के मंत्री ने ही की थी और उसने उन गहनों को दूसरे सुल्तान को बेच दिया था। कठपुतली के माध्यम से उन्होंने संदेश दिया किसी भी चीज का पता लगाने के लिए उसकी पूरी तह तक जाना चाहिए। बिना जानकारी के अभाव में ना कोई काम करें और ना ही कोई चर्चा करनी चाहिए। कठपुतली भी एक कला है। आजकल के बच्चे उसके बारे में अनजान है। बच्चों के सामने इस कला को प्रदर्शित करने से बच्चों में कठपुतली कला के प्रति एक आकर्षण पैदा हुआ। कठपुतली कला को देखकर बच्चे इतने प्रभावित हुए कि कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पांडाल गुंजा दिया।

संदीप सेन ने बताया गुरु का महत्व-

इसके बाद मंच पर बच्चों के सामने कहानीकार संदीप सेन आए। उन्होंने माता-पिता गुरु और बच्चों के बीच के पवित्र रिश्तो को रेखांकित करते हुए कहानी सुनाई। इस कहानी से बच्चों को संदेश दिया कि जीवन में माता पिता और गुरु भगवान के बराबर होते हैं। उनकी आज्ञा का हमेशा पालन करना चाहिए। उनके आशीर्वाद के बिना जीवन में कुछ भी हासिल करना नामुमकिन होता है।

गुजरात के कलाकारों ने किया पावरी नृत्य-

गुजरात से आए 9 कलाकारों की एक टोली ने विशेष परिधान एवं वाद्य यंत्रों के साथ पावरी नृत्य किया। बच्चों के लिए यह नृत्य एकदम अजूबा और अनूठा था। बच्चों ने इस गुजराती लोकनृत्य का पूरा आनंद लिया और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर रोमांचित हो उठे। कार्यक्रम का संचालन श्रुति मंत्री ने किया। को-फाउंडर सलिल भण्डारी ने बताया कि बॉलीवुड कलाकार सुष्मिता मुखर्जी शनिवार रात्रि को नारी बाई पर अनसुनी कहानी सुनायेगी। इसके अलावा हिमांशु वाजपेयी किस्सा गोई व काकोरी कंाड पर कहानी सुनायेंगे। पृथ्वी थियेटर से जुड़े आधार खुराना टुडे पर कहानी सुनायेंगे। अंत में अनुरागा व अर्चित डेनियल का इण्डो-वेस्टर्न बैण्ड अपनी प्रस्तुति देगा।

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