अमरावतीः महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हिंसा के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव किया। कुछ इलाकों में तोड़फोड़ भी हुई। स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाकों में निषेधाज्ञा लगा दी है। अमरावती में शनिवार को बंद के दौरान पथराव की घटनाएं हुईं। शहर के राजकमल चौक, नमुना गली और अंबापेठ इलाकों में दुकानों और वाहनों में आगजनी एवं तोड़फोड़ के बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
राजकमल चौक, नामुना गली, अंबापेठ इलाके की कम से कम छह दुकानों पर पथराव के बाद तोड़फोड़ की गई। इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने पांच से छह दुकानों में आग लगा दी। इस घटना के बाद प्रभारी पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आयुक्तालय की सीमा के भीतर निषेधाज्ञा लगाने की घोषणा की। आदेश के अनुसार निषेधाज्ञा अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति चिकित्सा कारणों के अलावा किसी अन्य कारण से घर से बाहर नहीं निकलेगा। साथ ही पांच या पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में नवरात्रि के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में त्रिपुरा में विरोध मार्च निकाला गया था। त्रिपुरा की घटना को 10 दिन बीतने के बाद फर्जी मेसेज सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए। नतीजतन, रजा अकादमी, सुन्नी जमात-उल-उलेमा और अन्य संगठनों ने त्रिपुरा हिंसा के विरोध में शुक्रवार को ठाणे जिले के मुंब्रा, नासिक जिले के मालेगांव और नांदेड़ एवं अमरावती शहर में विरोध मार्च का आयोजन किया था। इस दौरान नांदेड़, मालेगांव और अमरावती में आंदोलन हिंसक हो गया। शुक्रवार की इस हिंसक घटना के विरोध में शनिवार को अमरावती बंद का आह्वान किया गया था।
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