ढाकाः पाकिस्तान से विस्फोटकों की एक बड़ी खेप बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह (Chittagong Port) पर उतरने की खबर ने भारत के लिए नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं। ‘भूकंपीय पायस’ के नाम से मशहूर ये विस्फोटक बड़े निर्माण कार्यों को ध्वस्त करने और भारी जनहानि करने में सक्षम हैं।
Chittagong Port : भारत में अशांति फैलाने की साजिश
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इन विस्फोटकों को बांग्लादेश में मौजूद आतंकी संगठनों तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जिसका इस्तेमाल भारत के पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में अशांति फैलाने के लिए किया जा सकता है।
पाकिस्तानी जहाज से आया विस्फोटकअवामी लीग ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस मामले का खुलासा किया। इसके मुताबिक, ये विस्फोटक 21 दिसंबर को कराची से एक पाकिस्तानी जहाज में चटगांव बंदरगाह लाए गए थे। बंदरगाह के एक अधिकारी ने इन कंटेनरों की तस्वीरें जारी कीं, जिन पर लाल रंग से ‘विस्फोटक’ लिखा हुआ था। हालांकि, बांग्लादेश की नौसेना ने इन कंटेनरों को कुछ घंटों के लिए रोक लिया था, लेकिन बाद में अज्ञात कारणों से इन्हें छोड़ दिया गया।
भारत की बढ़ी चिंता
यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश में पाकिस्तानी हथियारों का जखीरा मिला है। वर्ष 2004 में भी चटगांव के सीयूएफएल घाट से 10 ट्रक हथियार जब्त किए गए थे, जिन्हें पाकिस्तान से बांग्लादेश लाया गया था। तब असम का आतंकी नेता परेश बरुआ इन हथियारों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा था। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बांग्लादेश में कट्टरपंथ तेजी से बढ़ा है। यूनुस सरकार ने पाकिस्तान के साथ दोस्ती को नया आयाम देते हुए पाकिस्तानी जहाजों को बांग्लादेश के बंदरगाहों तक पहुंचने की अनुमति दी है। सूत्रों के अनुसार आईएसआई बांग्लादेश के आतंकी संगठनों को सीधे हथियार और धन मुहैया करा रही है।
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भारत के लिए बढ़ती चिंता बांग्लादेश के आतंकी संगठन ‘अंसारुल्लाह बांग्ला टीम’ पहले ही असम, पश्चिम बंगाल और मेघालय जैसे राज्यों में पैठ बना चुके हैं। अब चटगांव में पाकिस्तानी हथियारों की बरामदगी से यह साफ हो गया है कि आईएसआई भारत में आतंक फैलाने के लिए बांग्लादेश को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। सुरक्षा के लिहाज से यह मामला भारत के लिए बेहद चिंताजनक है और इससे दोनों देशों के रिश्तों में नया तनाव पैदा हो सकता है।
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