शीतलहर की चपेट में प्रदेश, आज इन जिलों में हो सकती है बारिश

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भोपाल: दिसंबर और जनवरी में कई सशक्त पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से पहाड़ों पर भारी बर्फबारी देखने को मिली। उत्तर भारत के मैदानी शहरों के अलावा मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान में गिरावट हुई है। जिसके चलते ठंडी हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

मौसम विभाग की मानें तो वर्तमान मौसमी स्थितियों को देखते हुए 31 जनवरी तक उत्तर भारत के पहाड़ों पर कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं आएगा जिससे हवाओं के रुख में विशेष बदलाव की संभावना फिलहाल नहीं है। इसके चलते मध्यम से घना कोहरा इसी तरह बना रहेगा और तापमान भी सामान्य से नीचे रहेगा जिससे भीषण सर्दी का सामना जनवरी के आखिर तक करना पड़ेगा।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में किसी वेदर सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने से हवाओं का रुख भी उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हो गया है। लगभग 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से सर्द हवाएं चलने से राजधानी सहित पूरे प्रदेश में दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा इस समय झारखंड से मध्य महाराष्ट्र तक एक तरफ रेखा बनी हुई है जिसके प्रभाव से अगले 24 से 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में हल्की वर्षा हो सकती है। इससे गुरुवार से पूर्वी मध्य प्रदेश में बादल छाने के आसार हैं। परंतु यह वर्षा की गतिविधियां कुछ स्थानों पर तथा हल्की होंगे जिससे बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। थाना के न्यूनतम तापमान में कुछ वृद्धि देखी जा सकती है। इस वजह से न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने की संभावना है।

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मौसमी विश्लेषण के अनुसार 1 फरवरी के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों पर दस्तक दे सकता है जिसके चलते उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाली सर्द हवाओं की रफ्तार मंद पड़ जाएगी। पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी 1 से 3 फरवरी के बीच होगी। आगामी बारिश के स्पेल में मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है। हालांकि इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाओं की रफ्तार मंद हो जाएगी जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड से कुछ राहत अवश्य मिल जाएगी।