प्रदेश सरकार खुद तय करेगी राज्य में डार्कजोन, कृषि विभाग नहीं लगाएगा आपत्ति

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चंडीगढ़: हरियाणा में लगातार घटते जलस्तर के मद्देनजर अब किसी भी हिस्से को डार्क जोन घोषित करने का अधिकार हरियाणा सरकार के पास आ गया है। हरियाणा सरकार ने सिंचाई विभाग के अधीन अपनी खुद की अथॉरिटी बना ली है। पहले यह कार्रवाई केंद्रीय भूजल प्राधिकरण द्वारा की जाती थी। हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने हरियाणा विधानसभा में यह जानकारी देते हुए बताया कि यमुना नदी के साथ लगते एरिया में ट्यूबवेल कनेक्शन पर लगी रोक हटा दी गई है। अब अगर बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन दिया जाएगा तो कृषि विभाग उस पर कोई आपत्ति नहीं लगाएगा।

सदन में आज यह मुद्दा समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोक्कर, पानीपत के विधायक महीपाल ढांडा, घरौंडा के विधायक हरविंदर कल्याण तथा असंध के विधायक शमशेर गोगी ने उठाया। बाढड़ा से जेजेपी विधायक नैना सिंह चौटाला ने उनके हलके में सिंचाई के साथ पेयजल संकट का मुद्दा भी उठाया। कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि समालखा एरिया में ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए वाटर कंट्रोल अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भी मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यमुना बेल्ट का एरिया डार्कजोन में नहीं है।

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ऐसे में यहां कनेक्शन देने में कृषि विभाग को किसी तरह की आपत्ति नहीं है। छोक्कर सहित भाजपा विधायकों ने भी कहा कि बिजली निगमों द्वारा कनेक्शन नहीं दिए जा रहे। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग की मंजूरी के बाद अब किसान ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में नये सिरे से डार्कजोन घोषित होंगे।