नई दिल्ली: मिशन चंद्रयान-3 और भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-वन में शामिल रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को सोमवार शाम सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम पूसा इंस्टीट्यूट, कृषि विज्ञान परिसर, दिल्ली में “संत ईश्वर सम्मान-2023” से सम्मानित किया गया। इस दौरान देश के सुदूर इलाकों में सेवा दे रहे कुल 18 सामाजिक कार्यकर्ताओं और संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान पुरस्कार विजेताओं को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने सम्मानित किया। इस वर्ष “संत ईश्वर विशेष सम्मान” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को प्रदान किया गया। वहीं आदिवासी क्षेत्र में ग्रामीण शिक्षा एवं विकास समिति, जशपुर छत्तीसगढ़ को विशिष्ट सेवा पुरस्कार) मिला, संत ईश्वर सेवा पुरस्कार आदिवासी बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार के लिए संकल्पित मूल निवासियों को दिया गया। धनुर्विद्या में निपुण, गुरु-शिष्य परंपरा के संवाहक गोविंदन वापनद, केरल और बिनीता जिंगडुंग दीमापुर, नागालैंड को संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान सुनील अर्जुन राव शिंदे जालना, जिन्होंने महाराष्ट्र में 2000 से अधिक किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल कृषि उपकरणों का आविष्कार और निर्माण किया है। इस वर्ष उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। ग्रामीण क्षेत्र से रामचरण लोढ़ा गुराड़ी, राजस्थान, पातालचंडी कल्याण समिति, पश्चिम बंगाल तथा गोपाल डोंडिया, उज्जैन, मध्य प्रदेश को जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण कार्य के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान दिया गया।
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पिछले कई वर्षों से केवल एक रुपये प्रति माह की दर पर बच्चों को शिक्षा प्रदान करने वाली महिला एवं बाल विकास क्षेत्र, जोधपुर, राजस्थान की भानुप्रिया भट्ट को संत ईश्वर विशिष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
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